Jokes: जिंदगी की आपाधापी से उपजी अकुलाहट, प्रतिस्पर्धा का कहर, अपनों से बढ़ती दूरियां, संवेदनाओं की सिकुड़ती जमीन, काम के बढ़ते घंटे और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ानों ने हमारी जिंदगी को तनाव से भर दिया. ऐसे में चुट्कुले हमारी जिंदगी में जिंदादिली और गर्माहट घोलते हैं. इससे न सिर्फ आसपास की फिजा खुशनुमा बनती है, बल्कि हम बेहतर मानसिक, शारीरिक, सामाजिक जीवन जीने में भी सक्षम होते हैं. इसीलिए हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे...
रमेश समंदर किनारे लेटा धूप ले रहा था..अंग्रेजी थोड़ा तंग थी इतने में ....एक अमेरिकी- आर यू रिलैक्सिंग?
रमेश- नो डियर आई एम रमेश ...
थोड़ी देर बाद एक दूसरा अमेरिकन वहां से गुजरा-आर यू रिलैक्सिंग?
रमेश चिल्लाकर- आई एम रमेश!
फिर खिजलाकर रमेश वहां से उठकर दूसरी तरफ चला गया, जहां एक अमेरिकन सुंदरी लेटी थी
रमेश ने उससे पूछा- आर यू रिलैक्सिंग?
अमेरिकी सुंदरी- यस, आई एम रिलैक्सिंग...
रमेश उसे एक तमाचा मार के बोला, यहां पड़ी है, उधर तुझे तेरे घरवाले ढूंढ रहे हैं.
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बैंक लूटने के बाद...
डाकू- तुमने मुझे देखा
कलर्क- हां
डाकू ने कलर्क को गोली मारकर एक आदमी से पूछा- तुमने कुछ देखा...
आदमी- नहीं, पर मेरी पत्नी ने देखा है, साथ में कह रही है पुलिस को भी बताएगी...
नितिन शराब पी कर एक साधू से टकरा गया।
साधू गुस्से में- ऐ मूर्ख, मैं तुझे श्राप देता हूं...
बीच में रोकते हुए नितिन रुकिए महाराज,
मैं एक ग्लास लेके आता हूं !!!
पत्नी- मैं अपने पुराने कपड़े दान कर दूं क्या ?
पति- नहीं फेंक दे, क्या दान करना..
पत्नी- नहीं जी, दुनिया में बहुत सी गरीब और भूखी प्यासी औरते हैं, किसी के काम आ जाएंगे..
पति- तेरे साइज के कपड़े जिसे आ जाएंगे वह क्या भूखी प्यासी होगी
बच्चा - मम्मी क्या मैं भगवान की तरह दिखता हूं?
मम्मी - नहीं , पर तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो बेटा?
बच्चा - क्योंकि मम्मी मैं कहीं भी जाता हूं, तो
सब यही कहते हैं हे भगवान फिर आ गया.
(डिस्क्लेमरः इस सेक्शन के लिए चुटकुले वॉट्सऐप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर हो रहे पॉपुलर कंटेंट से लिए गए हैं. इनका मकसद सिर्फ लोगों को थोड़ा... गुदगुदाना है. किसी जाति, धर्म, मत, नस्ल, रंग या लिंग के आधार पर किसी का उपहास उड़ाना, उसे नीचा दिखाना या उसपर टीका-टिप्पणी करना हमारा उद्देश्य बिल्कुल भी नहीं है)
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