आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव के लिए भले ही तीन राज्यों में गठबंधन हो गया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दोनों आमने-सामने हैं.दरअसल हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के जोगिंदर नगर में ब्रिटिश कालीन जलविद्युत परियोजना 'शानन हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट' के प्रबंधन के मसले पर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है.
सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की गुहार
पंजाब सरकार की इस याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई हो सकती है. अपनी याचिका में पंजाब सरकार ने इस परियोजना की 99 साल की लीज खत्म होने पर हिमाचल सरकार के प्रोजेक्ट टेकओवर करने पर रोक लगाने की गुहार लगाई है. पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई कर समाधान निकालने की मांग भी की है. इस पर CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के लिए याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने का भरोसा देते हुए कहा कि इस पर अगले हफ्ते सुनवाई करेंगे.
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क्या है मामला
पंजाब सरकार ने कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश सरकार को प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज खत्म होने पर परियोजना के रखरखाव करने और अन्य जिम्मेदारियां संभालने से रोकने का निर्देश देने की मांग की है. ये याचिका संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दाखिल की गई है. इस अनुच्छेद के तहत इस अर्जी पर केवल SC ही सुनवाई कर सकता है.
पंजाब सरकार ने अपने इस सिविल सूट में कहा है कि इस लीज की समाप्ति अप्रासंगिक है. क्योंकि परियोजना का रखरखाव और नवीनीकरण राज्य सरकार ने अपने स्वयं के पैसे से किया गया है ताकि इसकी क्षमता 48 से 110 मेगावाट तक बढ़ाई जा सके.पंजाब सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से इस परियोजना और बिजलीघर पर कब्जा करने की नीयत होने का आरोप लगाया है.