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UP: रेप केस में मिली 10 साल की सजा फिर भी मुस्कुराता दिखा आरोपी मौलाना जरजिस

इटावा के चर्चित रेप केस के आरोपी मौलाना जरजिस को वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम ने शुक्रवार को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. साथ ही जुर्माना भी लगाया. लेकिन आरोपी जब कोर्ट से बाहर निकला तो उसे किसी भी बात का पछतावा नहीं था, बल्कि मौलाना जरजिस मुस्कुरा रहा था. आरोपी ने कहा कि वह इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देगा.

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कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मुस्कुराता मौलाना जरजिस
कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मुस्कुराता मौलाना जरजिस

इटावा के चर्चित रेप केस के आरोपी मौलाना जरजिस को वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम ने 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 10000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. लेकिन हैरानी की बात ये थी कि सजा सुनाए जाने के बाद मौलाना जरजिस कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मुस्कुराता हुआ नजर आया. दरअसल वाराणसी के जैतपुरा इलाके की एक महिला ने आरोपी मौलाना पर साल 2016 में रेप का आरोप लगाया था. हालांकि मौलाना ने कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की बात कही है.

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जस्टिस नीरज श्रीवास्तव ने मामले की सुनवाई करते हुए मौलाना जरजिस को रेप के मामले में दोषी ठहराया. 10 साल के सश्रम कारावास की सजा के साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा दिया है. वहीं आरोपी मौलाना जरजिस ने कहा कि न्यायालय पर पूरा भरोसा है और वह ऊपरी अदालत में फैसले को चुनौती देगा. इतना ही नहीं, कोर्ट से निकलते वक्त आरोपी के चेहरे पर किसी भी तरह की शिकन नहीं थी, बल्कि वह मुस्कुराता हुआ कोर्ट से बाहर निकाला.

साढ़े 6 साल पहले वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र की एक महिला ने मौलाना पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म सहित कई आरोप लगाते हुए जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. शिकायत के मुताबिक वर्ष 2013 में वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र की एक महिला का परिचय मौलाना से हुआ था. इसके बाद ही जब कभी मौलाना जरजिस वाराणसी आता, तो महिला को शादी का झांसा देकर रेप करता था. इतना ही नहीं, आरोपी उसका अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया करता था.

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19 नवंबर 2015 को आरोपी ने महिला के घर में घुसकर घिनौनी हरकत की. पीड़िता ने 1 दिसंबर 2015 को जैतपुरा थाने में मौलाना जरजिस के खिलाफ दुष्कर्म, ब्लैकमेल समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. सुनवाई के दौरान वाराणसी की फास्ट ट्रैक कोर्ट फर्स्ट नीरज श्रीवास्तव ने मौलाना को दोषी करार दिया था. इसके साथ ही 10 साल की सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है. 

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