गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के निलंबित डॉक्टर कफील खान को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने डॉ. कफील अहमद खान के खिलाफ क्रिमिनल प्रोसीडिंग पर रोक लगा दी है. मुकदमा संज्ञान आदेश सरकार की स्वीकृति के अभाव में निरस्त कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने मामले को निचली कोर्ट में वापस कर दिया है. मुकदमा दर्ज होने के बाद विवेचक ने चार्जशीट दाखिल कर दी थी. मजिस्ट्रेट ने चार्जशीट का संज्ञान भी ले लिया था.
याची डॉ. कफील की ओर से सरकार की अनुमति बगैर मुकदमा चलाने को चुनौती दी गई थी. अगर सरकार मुकदमा चलाने की स्वीकृति देती है तो निचली अदालत उस पर फैसला लेगी. सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने 17 अगस्त को जजमेंट रिजर्व कर लिया था. गुरुवार को जस्टिस गौतम चौधरी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है.
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डॉ. कफील पर सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप थे. इस मामले में डॉ. कफील पर डीएम अलीगढ़ ने एनएसए भी लगाया था. हाई कोर्ट ने पिछले साल ही डॉ. कफील पर लगे एनएसए को रद्द कर दिया था. डॉ. कफील की याचिका में अलीगढ़ में दर्ज FIR को भी रद्द किए जाने की मांग की गई थी.
डॉ कफील के वकील ने दलील दी थी कि चार्जशीट दाखिल करते वक़्त अनुमति नहीं ली गई थी. जबकि क्लास वन ऑफिसर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के पहले शासन से अनुमति लेना जरूरी है. डॉ. कफ़ील की तरफ से यह भी दलील दी गई कि उन्होंने कोई भड़काऊ भाषण नहीं दिया था, सिर्फ सामान्य बातें ही कही थीं.