महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख एक साल से ज्यादा लंबे अंतराल बाद जेल से बाहर आ सकते हैं. मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया है जहां पर देशमुख के जमानत वाले फैसले को आगे एक्सटेंड करने की मांग हुई थी. सीबीआई चाहती थी कि उन्हें तीन दिन का अतिरिक्त समय दे दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने ये मांग स्वीकार नहीं की है जिस वजह से अनिल देशमुख का जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.
सीबीआई की क्या थी मांग?
इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने तो 12 दिसंबर को ही अनिल देशमुख को जमानत दे दी थी. लेकिन तब सीबीआई अपनी आगे की कार्रवाई कर सके, इसलिए एजेंसी को भी 10 दिन का समय दिया गया था. उन दस दिनों तक देशमुख को जेल में ही रहना था. उन 10 दिनों के अंदर सीबीआई की सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी थी. वहां पर देशमुख की जमानत को चुनौती दी जानी थी. लेकिन क्योंकि छुट्टियों का दौर शुरू हो गया था, ऐसे में मामले की सुनवाई जनवरी से पहले संभव नहीं थी. तब सीबीआई ने फिर बॉम्बे हाई कोर्ट का ही रुख किया जहां से एजेंसी को झटका लगा और अनिल देशमुख का जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ हो गया.
क्या है ये पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि वसूली मामले में पिछले साल नवंबर में अनिल देशमुख को गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने एपीआई सचिन वाजे को ऑर्केस्ट्रा बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आदेश दिए थे. उस समय मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की एक चिट्ठी ने तब की उद्धव सरकार को भी मुश्किलों में डाल दिया था और अनिल देशमुख की भी मुसीबत बढ़ी थी. लेकिन अब अनिल देशमुख जेल से बाहर आ सकते हैं. खबर है कि कल दोपहर तीन बजे तक वे जेल से रिहा हो सकते हैं. उनके वकीलों द्वारा सभी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है.