माफिया अतीक अहमद को मंगलवार को सुरक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला गया है. अतीक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है, उसे हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है. सुनवाई के दौरान अतीक के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनकी जान को गंभीर खतरा है. सदन के पटल पर मुझे खुली धमकी दी गई है. मुझे कुछ सुरक्षा दी जानी चाहिए.
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह कोर्ट के दखल का मामला नहीं है. हाई कोर्ट जाइए. आप इस समय हिरासत में हैं. राज्य मशीनरी आपकी देखभाल करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनकी और हरेक नागरिक की सुरक्षा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की.
वकील ने कहा कि मेरी जान को खतरा है लिहाजा हमें प्रोटेक्शन चाहिए. यूपी में जान को खतरा है क्योंकि विधानमंडल के सदन में भी बयान दिया गया है. मैं अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहा हूं. सुप्रीम कोर्ट को राहत देनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि आप इस मांग को लेकर हाईकोर्ट जा सकते हैं. इस पर वकील ने कहा- हम हाई कोर्ट जाने को तैयार हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट भी देखे कि मेरी जान को खतरा है. कम से कम मेरे बयान को ऑर्डर में दर्ज किया जाए. इस पर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया. इसके बाद वकील ने याचिका वापस ली.
एनकाउंटर का था डर
अतीक अहमद ने 1 मार्च को अपनी सुरक्षा को लेकर SC का दरवाजा खटखटाया था. अतीक अहमद ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा है कि उसे यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर न भेजा जाए. उसकी सुरक्षा और जान को खतरा है.
अतीक अहमद की ओर से वकील हनीफ खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर में अहमदाबाद जेल से यूपी की जेल में प्रस्तावित ट्रांसफर का विरोध किया था. याचिका में कहा गया था कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है.
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी गाड़ी पलटने की आशंका जताई थी. अगर उन्हें यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए. अन्यथा उनके मामलों का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो. अगर पुलिस कस्टडी में रखकर ही पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आसपास गुजरात पुलिस की निगरानी में ही ये सब किया जाए.
हालांकि अतीक अहमद को सोमवार को प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा दिया गया था और मंगलवार को उमेश पाल अपहरण कांड में अतीस समेत 10 आरोपियों को दोषी भी करार दिया गया है.