गुजरात की साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी. अतीक ने अपनी याचिका में जान को खतरा बताते हुए कोर्ट से अहमदाबाद जेल से यूपी ना लाए जाने की गुहार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. अतीक ने अपनी अर्जी में कहा कि उसे यूपी में दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गुजरात से बाहर ना भेजा जाए. उसकी सुरक्षा और जान को खतरा है.
याचिका में कहा कि यूपी सरकार के कुछ मंत्रियों के बयान से ऐसा लगता है कि उनका फर्जी एनकाउंटर किया जा सकता है. सीएम आदित्यनाथ योगी ने माफिया और आरोपियों को मिट्टी में मिला देने की बात कही है. वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक गाड़ी पलटने की आशंका भी जता चुके हैं. अगर उन्हें यूपी भी लाया जाए तो सेंट्रल फोर्स की सुरक्षा में लाया जाए नहीं तो उनके मामलों का ट्रायल वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो. अगर पुलिस कस्टडी में रखकर ही पूछताछ करनी है तो गुजरात में ही कोर्ट परिसर के आसपास गुजरात पुलिस की निगरानी में ही ये सब किया जाए.
अतीक गैंग का सहयोगी मुठभेड़ के बाद अरेस्ट
उधर, उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटरों की गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर अरबाज का रिश्ते में फूफा और बांदा पुलिस का 50,000 का इनामी वहीद मुठभेड़ के बाद अरेस्ट कर लिया गया है. वहीद अपने बहनोई और अरबाज के पिता के जरिए अतीक अहमद और उसके गुर्गों के संपर्क में आया था. गुड्डू मुस्लिम जब हत्या के मामले में 25 अप्रैल 2009 से 3 मई 2013 तक बांदा जेल में बंद था तब वहीद ही गुड्डू मुस्लिम की जेल में सुविधाओं का ख्याल रखता था और गुड्डू मुस्लिम से मिलने आने वालों की मुलाकात करवाता था.
वहीद पर जिस मामले में 50,000 का इनाम था, उस केस में बांदा के एक व्यापारी ने 6 मार्च को एफआईआर दर्ज करवाई थी. इसमें व्यापारी ने शिकायत की थी कि 19 फरवरी को वहीद ने उससे अवैध सिम और 50,000 की रंगदारी में मांगी थी. ऐसा न करने पर उसने जान से मारने की धमकी भी दी थी.