क्या एक ही इंसान दो जगह मौजूद हो सकता है क्या? कुछ ऐसा ही दावा एक शख्स ने डेरा सच्चा सौफ के चीफ गुरमीत राम को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में किया. इस दिलचस्प मामले को लेकर सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई. गुरमीत राम रहीम को लेकर याचिका लगाई गई थी कि जो गुरमीत राम आजकल वीडियो जारी कर रहा है, वह नकली है और असली गुरमीत राम रहीम को अगवा कर लिया गया है.
इस मामले की सुनवाई करते हुए जज ने कहा कि शायद वकील ने साइंटिफिक फिक्शन वाली फिल्म देख ली है. ऐसे में केस वापस लो या खारिज होगा. अदालत ने कहा कि राम रहीम 21 दिनों की पैरोल पर 17 जून को जेल से बाहर आए, तो फिर कैसे अगवा हो गए? अदालत ऐसे केस सुनने के लिए नहीं बनी है. वहीं, हरियाणा सरकार ने कहा कि राम रहीम को पुख्ता सुरक्षा दी गई है. ऐसा नहीं हो सकता कि उसे अगवा किया जाए. बता दें कि दो अनुयायियों से रेप मामले में राम रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है.
जज ने वकील को कहा कि इस मामले की याचिका को डालते हुए कम से कम अपना दिमाग इस्तेमाल करते. क्या ह्यूमन क्लोनिंग संभव है? सब अखबार और टीवी में ये सब चल रहा है. फिल्मी बातें मत करो. इसके बाद हाई कोर्ट ने राम रहीम के नकली होने की याचिका खारिज कर दी.
इस मामले में मीडिया से बात करते हुए गुरमीत राम रहीम की प्रवक्ता और अधिवक्ता जितेंद्र खुराना ने कहा कि इस तरीके की याचिका लगाकर डेरा सच्चा सौदा को बदनाम करने की कोशिश हो रही है. ये जो लोग हैं, यह ऐसी याचिका लगाकर डेरा सच्चा सौदा के अन्य मामलों को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं. याचिकाकर्ता अगर इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे तो भी हम इस मामले को देख लेंगे.
इधर, राम रहीम को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने वाले अशोक कुमार ने कहा कि हम याचिका खारिज होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. हम अब वहां याचिका दाखिल करेंगे. हमें पूरा यकीन है कि बाबा राम रहीम को बदल दिया गया है. इस वक्त जो बागपत के आश्रम में जो राम रहीम है, वह नकली, डुप्लीकेट है.