हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने चित्रकूट जेल कांड मामले में विधायक अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने बुधवार को पारित किया है. इससे पहले पूर्व न्यायालय ने अब्बास अंसारी और राज्य सरकार के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद 24 अप्रैल को मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था. इस मामले में अब्बास के साथ चित्रकूट जेल के अधिकारी और अब्बास की पत्नी निकहत बानो को अभियुक्त बनाया गया था.
अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारीज
सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही और AGA अनुराग वर्मा ने पक्ष रखा था. जिसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज की. अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने बताया कि अब्बास अंसारी अगर जेल में रहकर अपनी पत्नी से मिल सकता है तो बाहर आकर वह गवाहों को भी प्रभावित कर सकता है. जिसकी वजह से कोर्ट ने उसकी बेल को रिजेक्ट किया. अब्बास अंसारी इस समय कासगंज जेल में बंद है.
इस मामले में चार लोग जमानत पर बाहर आ चुके हैं
बता दें, मनी लांड्रिंग मामले में अब्बास अंसारी को 18 नवंबर 2022 को नैनी जेल जेल से चित्रकूट जिला कारागार लाया गया था. वो चित्रकूट जेल में अपनी पत्नी से गैरकानूनी तरीके से मुलाकात करने के मामले में अब्बास समेत पांच लोगों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई. जिसमें जेल कैंटीन ठेकेदार, निकहत के चालत और खाते में भेजने वाले पर केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की थी.
इस मामले में जेल अधीक्षक, डिप्टी जेलर, वार्डर के अलावा अन्य मददगार गिरफ्तार हुए थे. इनमें कुछ लोग जमानत पर जेल से बाहर हैं. पुलिस ने इस मामले में अब्बास, कैंटीन ठेकेदार कर्वी का रहने वाला नवनीत सचना, निकहत के ड्राइवर नियाज अंसारी, सपा नेता फराज खान और खातों में पैसा ट्रांसफर करने वाले वाराणसी के शहबाज आलम खान के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया था.