बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों में से एक के रिश्तेदार ने शनिवार को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा 21 जनवरी की शाम को आत्मसमर्पण कर देगा. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए दोषियों की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी.
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दाहोद के सिंगवाड तालुका के सिंगवाड और रंधिकपुर गांवों के दोषियों को रविवार को पंचमहल जिले के गोधरा उप-जेल में आत्मसमर्पण करना होगा. दोषियों में से एक शैलेश भट्ट के एक रिश्तेदार ने न्यूज एजेंसी को बताया कि वह रविवार शाम को गोधरा जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को हाई-प्रोफाइल मामले में गुजरात सरकार द्वारा दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया था. 15 अगस्त, 2022 में गुजरात सरकार द्वारा जेल में उनके 'अच्छे आचरण' का हवाला देते हुए, अपनी 1992 की नीति के अनुसार उनके छूट आवेदनों को स्वीकार करने के बाद दोषियों को समय से पहले रिहाई दी गई थी.
बिलकिस बानो मामले में दोषियों को सजा में छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को 11 लोगों को दो सप्ताह के भीतर जेल वापस जाने का आदेश दिया था. बाद में पांच दोषियों ने खराब स्वास्थ्य, सर्जरी, बेटे की शादी और फसल की कटाई सहित विभिन्न आधारों पर आत्मसमर्पण करने के लिए अधिक समय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उनके आवेदन यह कहते हुए खारिज कर दिए कि कारणों में कोई दम नहीं है.