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कोविड से मौत पर 4 लाख के मुआवजे पर केंद्र ने SC में कहा- 'मसला पैसे का नहीं है, लेकिन नहीं दे सकते'

कोविड से मौत पर 4 लाख रुपये का मुआवजा देने से केंद्र सरकार ने फिर मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दूसरे हलफनामे में सरकार ने कहा कि पैसे का मुद्दा नहीं है, लेकिन फिर भी मुआवजा नहीं दिया जा सकता.

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इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा दाखिल किया है. (फाइल फोटो)
इस मामले में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा दाखिल किया है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
  • कहा, कोविड से मौत पर मुआवजे का प्रावधान नहीं
  • 'संसाधनों के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण इस्तेमाल का है मसला'

केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर मरे लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने से एक बार फिर इनकार कर दिया है. हालांकि, इस बार सरकार की ओर से दूसरा तर्क दिया गया है.

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पिछली बार केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया था कि अगर सबको 4-4 लाख रुपए दिए गए तो फंड की कमी हो जाएगी. लेकिन अब केंद्र ने दूसरा हलफनामा दाखिल कर बताया है कि पैसे की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी मुआवजा नहीं दे सकते.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दूसरे हलफनामे में केंद्र ने बताया कि पैसा का मुद्दा नहीं है, लेकिन कोरोना पीड़ितों को 4 लाख का मुआवजा नहीं दे सकते, क्योंकि संसाधनों का भी सही इस्तेमाल करना है. सरकार ने कहा, "मुद्दा पैसे का नहीं है, बल्कि सरकार के खजाने और बाकी सभी संसाधनों के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण इस्तेमाल का है."

सुप्रीम कोर्ट में कोविड से होने वाली मौतों पर 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल हुई थी. मुआवजे को लेकर कोर्ट ने केंद्र से हलफनामा मांगा था. केंद्र की ओर से 19 जून को पहला हलफनामा दाखिल किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने दूसरा हलफनामा दाखिल करने को कहा. इस पर केंद्र ने शनिवार को दोबारा हलफनामा दाखिल किया.

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केंद्र की ओर से 39 पन्नों के हलफनामे में कहा है कि ये महामारी पहली बार आई है. ऐसे में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का फंड ही नहीं, बल्कि सरकार के कंसोलिडिटेड फंड का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. केंद्र ने बताया कि 2015 से 2020 के बीच 12 खास प्राकृतिक आपदाओं पर राहत के लिए खर्च की सिफारिश है. इसमें भूकंप, बाढ़, सूखा, तूफान, सुनामी, भूस्खलन, बादल फटना जैसी आपदाएं शामिल हैं, लेकिन इसमें कोविड-19 या कोरोना नहीं है. केंद्र ने ये भी बताया कि अभी तक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने एसडीआरएफ से कोविड पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया है.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत अभी ऐसी कोई गाइडलाइन या योजना नहीं है, जिसके तहत कोरोना से मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया जा सके.

हालांकि, इससे पहले केंद्र ने 11 जून को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कोविड से मौत पर 4 लाख के मुआवजे की मांग वाजिब है और सरकार इस पर विचार कर रही है.

 

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