दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में ट्विटर (Twitter) ने मंगलवार को माना कि उसने नए IT रूल्स का पालन नहीं किया है. इस पर हाईकोर्ट ने साफ कह दिया कि अब हम ट्विटर को कोई प्रोटेक्शन नहीं दे सकते. सरकार ट्विटर के खिलाफ कोई भी एक्शन लेने के लिए स्वतंत्र है.
IT रूल्स लागू होने के बाद भी अब तक शिकायत अधिकारी (Grievance Officer) की नियुक्ति नहीं करने पर ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या ट्विटर (Twitter) नियमों की अवहेलना कर रहा है तो इस पर केंद्र ने हां में जवाब दिया. इसके बाद ट्विटर की ओर से पेश वकील सज्जन पुवैया ने भी माना कि हमने IT रूल्स का पालन नहीं किया है.
हाईकोर्ट ने ट्विटर को फटकार लगाई
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा- "क्या आप कह रहे हैं कि ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रहा है?" इस पर केंद्र ने कहा- हां. तब ट्विटर ने भी सहमति जताते हुए कहा, "ये सही है कि आज की तारीख तक हमने नए IT रूल्स का ठीक तरह से पालन नहीं किया है."
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हाईकोर्ट ने ट्विटर से कहा कि आपने कोर्ट को गलत जानकारी दी है. कोर्ट ने कहा, "उनके इस्तीफे के बाद आप कम से कम किसी दूसरे व्यक्ति को नियुक्त कर सकते थे." ट्विटर ने कहा, "हम नए अधिकारी की नियुक्ति करने जा रहे हैं." इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, "ये प्रक्रिया कब तक पूरी होगी? अगर ट्विटर को लगता है कि वो अपनी मर्जी से जितना समय लेना चाहता है ले सकता है तो हम ऐसा होने नहीं देंगे."
कोर्ट ने ट्विटर के वकील से कहा कि आप हमें अपने क्लाइंट यानी ट्विटर से पूछ कर बताएं कि शिकायत अधिकारी की नियुक्ति में और कितना समय लगेगा?
ट्विटर के खिलाफ एक्शन के लिए सरकार को फ्री हैंड
हाईकोर्ट में केंद्र सरकार (Central Government) को बताया कि "26 फरवरी को नोटिफिकेशन के मुताबिक तीन महीने की मोहलत गलती सुधारने को दी थी. लेकिन डेढ़ महीने बाद भी जब ट्विटर ने सुधरने की दिशा में कोई पहल नहीं की तो हमें कार्रवाई शुरू करनी पड़ी."
इस पर हाईकोर्ट ने कहा, "अब हम ट्विटर को कोई प्रोटेक्शन नहीं दे सकते. केंद्र सरकार ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है. क्योंकि ट्विटर को भारत में अगर अपना काम करना है तो उन्हें पता होना चाहिए कि कैसे बर्ताव करना है."
ट्विटर ने एक दिन का वक्त मांगा
हाईकोर्ट की फटकार और केंद्र सरकार के रुख के बाद ट्विटर ने अपना जवाब देने के लिए एक वक्त मांगा है. ट्विटर ने दलील दी कि क्योंकि दिल्ली और सैन फ्रांसिस्को के टाइम जोन में अंतर है, इसलिए उसे अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक दिन का वक्त चाहिए. अब इस मामले में गुरुवार को सुनवाई होगी.