शिवसेना विधायकों की अयोग्यता से संबंधित एक मामले में सुनवाई की शुरुआती तारीख के लिए लगातार आग्रह करने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने एक वकील से कहा, "एक दिन के लिए यहां बैठो. मैं तुम्हें आश्वासन देता हूं, आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे."
सीजेआई और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ महाराष्ट्र राजनीतिक विवादों से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए तारीखें तय कर रही थी. दरअसल, उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को जून 2022 में विभाजित होने के बाद असली राजनीतिक दल घोषित किया गया था.
दूसरी याचिका एनसीपी के शरद पवार गुट ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को असली एनसीपी घोषित करने के नार्वेकर के फैसले को चुनौती देते हुए दायर की थी. हाल ही में शीर्ष अदालत ने शरद पवार गुट की याचिका पर अजीत पवार और उनके 40 विधायकों को नोटिस जारी किया था. शुरुआत में सीजेआई ने कहा कि शिवसेना मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं.
एनसीपी विवाद मामले को सूचीबद्ध करने पर पीठ ने अजीत पवार समूह की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की दलील पर गौर किया कि शरद पवार समूह की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए.
अदालत ने आखिरकार अजीत पवार समूह और उसके 40 विधायकों को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया और कहा कि इसके बाद याचिका पर सुनवाई होगी.
इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश एक वकील ने अपनी दलीलों पर जोर देना शुरू कर दिया कि जल्द से जल्द तारीख दी जाए. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और मामले को जल्द से जल्द सूचीबद्ध किया जाना चाहिए. वकील ने कहा कि दस्तावेजों का सामान्य संकलन दो-तीन दिनों के भीतर तैयार किया जा सकता है.
पीटीआई के मुताबिक सीजेआई ने कहा, "कृपया अदालत को निर्देश न दें. आप यहां आकर एक दिन क्यों नहीं बैठते और कोर्ट मास्टर को बताते कि आपको कौन सी तारीख चाहिए. आखिरकार आप देखते हैं कि यह बहुत ज्यादा है. आप देखते हैं कि कोर्ट पर काम का कितना दबाव है, कृपया यहां आकर बैठिए. एक दिन के लिए बैठिए. मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आप अपनी जान बचाने के लिए भागेंगे."
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने 10 जनवरी को सीएम शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को जून 2022 में विभाजित होने के बाद असली राजनीतिक पार्टी घोषित किया. अध्यक्ष ने सीएम शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ ठाकरे गुट की अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था. अध्यक्ष ने 15 फरवरी को माना था कि अजित पवार के नेतृत्व वाला एनसीपी गुट, जिसने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की और महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गया, असली एनसीपी है. अध्यक्ष ने प्रतिद्वंद्वी एनसीपी गुटों द्वारा एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था.