देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी वेबसाइट पर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. उन्होंने अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से की गई तकनीकी पहल को लेकर भी खुलकर अपनी बात रखी है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने साथ ही शीर्ष अदालत के फैसलों का अनुवाद कराने को लेकर एक कमेटी के गठन का भी ऐलान किया है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में ऑनलाइन ई-इंस्पेक्शन सॉफ्टवेयर के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे. सीजेआई ने कहा कि जस्टिस अभय ओका के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर दी गई है. उन्होंने कहा कि इस कमेटी का पहला काम ये सुनिश्चित करना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का चार भाषा- हिंदी, तमिल, गुजराती और उड़िया में अनुवाद हो.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा, खास तौर पर कानूनी रूप में 99.9% लोगों के लिए सहज नहीं है. न्याय तक पहुंच तब तक सार्थक नहीं हो सकती, जब तक ये उस भाषा में न हो जिसे वे बोलते और समझते हैं. सीजेआई ने कहा कि ये अनुवाद सही तरीके से किए गए हैं या नहीं, ये जानने के लिए सुप्रीम कोर्ट रिटायर हो चुके न्यायिक अधिकारियों की प्रतिभा का उपयोग करेगा. उन्होंने देश के सीजेआई का पद ग्रहण करने के बाद से की गई नई पहल को लेकर भी चर्चा की.
न्यू जस्टिस मोबाइल ऐप- ये ऐप वकील, एओआर, पत्रकार, वादी के साथ ही सिस्टम के हर हितधारक की विस्तृत डिटेल तक पहुंच के लिए लॉन्च किया गया.
इलेक्ट्रॉनिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट्स- CJI ने कहा कि वे पिछले करीब साढ़े छह साल से इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने ये भी जोड़ा कि एससीआर को ई-एससीआर में तब्दील करवाया और वकीलों से इसके खुलकर उपयोग की अपील की. सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट्स को सर्च इंजन के अनुकूल बनाया गया है जहां कोर्ट के रिकॉर्ड्स सर्च किए जा सकते हैं.
सीजेआई ने न्यूट्रल सिटेशंस, अपीयरेंस स्लिप्स की ई-फाइलिंग का भी जिक्र किया और कहा कि ई-फाइलिंग सॉफ्टवेयर भी लॉन्च करने की तैयारी है. CJI ने शीर्ष अदालत में सुविधाओं के विकास को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि हम सोच रहे थे कि अगले 50 साल के लिए सुप्रीम कोर्ट और इसकी सुविधाओं को लेकर किस तरह विचार किया जाए. ऐसा किसी को कभी-कभी ही करना होता है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की बिल्डिंग कमेटी के सदस्यों के साथ दिल्ली हाईकोर्ट का दौरा कर नए कोर्टरूम, पार्किंग स्थल के साथ ही अन्य सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे. गौरतलब है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराने का ऐलान किया था. पीएम मोदी ने भी इस फैसले की तारीफ करते हुए इसे क्रांतिकारी कदम बताया था.