scorecardresearch
 

'केवल पर्यावरण ही नहीं स्वच्छ लीगल सिस्टम के लिए भी करें काम', बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में एक कार्यक्रम का आयोजन कर दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने संदेश में स्वच्छ लीगल सिस्टम के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

Advertisement
X
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और दोनों महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस केबी विश्वनाथन ने महात्मा गांधी की प्रतिमा और लाल बहादुर शास्त्री की तस्वीर पर माल्यार्पण किया.

Advertisement

सीजेआई का संदेश

इस मौके पर जजों ने सुप्रीम कोर्ट परिसर के अंदर आयोजित स्वच्छता अभियान में भी भाग लिया. हालांकि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ इस कार्यक्रम में भाग नहीं ले सके, लेकिन उनका संदेश भी पढ़ा गया. सीजेआई ने अपने संदेश के माध्यम से न केवल भौतिक पर्यावरण को बल्कि एक स्वच्छ कानूनी प्रणाली तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने अपने संदेश में कहा, 'आइए हम न केवल अपने भौतिक पर्यावरण को स्वच्छ करें बल्कि एक स्वच्छ, अधिक पारदर्शी और जवाबदेह कानूनी प्रणाली के लिए भी प्रयास करें. आइए हम सब मिलकर एक न्यायपूर्ण और स्वच्छ समाज की खोज में अपनी यात्रा जारी रखें.' सीजेआई के संदेश में कहा गया कि गांधी जयंती के विशेष अवसर पर, हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं, जिनके अहिंसा, सत्य और आत्म-अनुशासन के सिद्धांत हमें न्याय की खोज में प्रेरित करते रहते हैं.

Advertisement

लाल बहादुर शास्त्री को भी किया याद

लाल बहादुर शास्त्री का जिक्र करते हुए सीजेआई ने अपने संदेश में कहा,'हम एक दिग्गज नेता लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मना रहे हैं, जिन्होंने हमारे देश को नया आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आइए हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के लिए उनके दृष्टिकोण को याद करें. हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर जोर दिया था, जो केवल एक शारीरिक कार्य नहीं है बल्कि हमारी आंतरिक स्थिति का प्रतिबिंब है.'

उन्होंने कहा कि यह अवसर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्यों के लिए न्याय, अखंडता और हमारे संविधान के मूल्यों को बनाए रखने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की याद दिलाता है.

Live TV

Advertisement
Advertisement