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9 साल पुराने मुस्लिम युवक की हत्या के केस में कोर्ट का फैसला, हिंदू राष्ट्र सेना के प्रमुख समेत 20 आरोपी बरी

पुणे की एक कोर्ट ने 2014 के एक मामले में हिंदू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई और 20 आरोपियों को बरी कर दिया है. एक मुस्लिम आईटी पेशेवर की हत्या और दंगे के मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया है. एफआईआर के मुताबिक मृतक मोहसिन उज्जवल इंटरप्राइजेज में आईटी मैनेजर के पद पर कार्यरत था. उसकी साल 2014 में हत्या हो गई थी.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

पुणे की एक अदालत ने हिंदू राष्ट्र सेना के प्रमुख धनंजय देसाई और अन्य 20 आरोपियों को 2014 में एक मुस्लिम आईटी पेशेवर की हत्या और दंगे के आरोप में बरी कर दिया है. हालांकि इस मामले में विस्तृत आदेश का इंतजार है. दरअसल, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसबी सालुंके ने सिर्फ अपने आदेश के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ा. इस दौरान न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में असफल रहा.

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3 जून 2014 को दर्ज FIR के अनुसार मोबिन, उसका बड़ा भाई शेख मोहसिन मोहम्मद सादिक (मृतक) और एक दोस्त रियाज मुबारक शेंदुरे हडपसर के रहने वाले थे. मोहसिन उज्जवल इंटरप्राइजेज में आईटी मैनेजर के पद पर कार्यरत था. छुट्टियों में तीनों लोग पास की ही एक मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते थे. 

आरोप है कि 2 जून 2014 को तीनों रात करीब सवा नौ बजे नमाज पढ़कर लौट रहे थे. इसी दौरान उनके घर के पास करीब 7 से 8 बाइक सवार उनके पास से गुजरे. मोटरसाइकिल सवार लोगों के हाथों में हॉकी स्टिक, बैट और पत्थर थे. 

आरोप है कि मोहसिन ने हरे रंग की ड्रेस पहन रखी थी. लिहाजा बाइक सवारों ने उसे पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान रियाज ने मोबिन को फोन किया तो वह मौके पर पहुंच गया. इसके बाद पुलिस भी पहुंच गई. आनन-फानन में मोहसिन को अस्पताल ले जाया गया. लेकिन मोहसिन ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. 

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जानकारी के मुताबिक इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120(बी) (साजिश), 153(ए) (दुश्मनी भड़काना), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

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