scorecardresearch
 

सिसोदिया के बचाव में उतरे तीन वकील, कोर्ट में हर पहलू पर दिया तर्क, लेकिन हाथ लगी निराशा!

आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को सात दिन के लिए ED की हिरासत में भेज दिया गया है. ईडी की तरफ से राउज एवेन्यू कोर्ट में 10 दिन की रिमांड मांगी गई थी. वहीं, सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई 21 मार्च तक टल गई है. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. तब से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं.

Advertisement
X
आप नेता मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. (फोटो-पीटीआई)
आप नेता मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. (फोटो-पीटीआई)

दिल्ली आबकारी नीति मामले में AAP नेता मनीष सिसोदिया को गुरुवार को बड़ा झटका लगा है. पहले उनकी जमानत अर्जी पर 21 मार्च तक सुनवाई टल गई है. उसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को सात दिन तक ED की हिरासत में भेज दिया है. ED ने पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी थी. सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. तब कोर्ट ने सीबीआई को 7 दिन की हिरासत में भेजा था. अब गुरुवार को ईडी ने 8 घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को जेल से ही गिरफ्तार कर लिया. 

Advertisement

सिसोदिया को 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. ED ने सुनवाई के दौरान कई बड़े दावे किए और बताया कि आबकारी नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी. शराब नीति में नियम बदलकर कुछ खास लोगों को पहुंचाया गया. हालांकि, सिसोदिया के पक्ष में बचाव के लिए तीन सीनियर वकील कोर्ट में मोर्चा संभाले दिखे. ईडी के प्रत्येक आरोपों पर तर्क भी दिया. लेकिन, सिसोदिया को राहत नहीं दिला सके. कोर्ट में सिसोदिया के पक्ष में तीन सीनियर वकीलों के खड़े होने पर ईडी की तरफ से आपत्ति भी जताई गई.

'नियमों का नहीं किया गया पालन'

सिसोदिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कोर्ट में पक्ष रखा. वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा- उन्होंने अपने रिमांड आवेदन में यह नहीं लिखा है कि गिरफ्तार करने वाले को अरेस्ट का आधार बताया गया है. अगर वे हमें गिरफ्तारी का आधार नहीं बताते हैं तो ये नियमों का अनुपालन नहीं है और ऐसे में रिमांड खारिज करने का आधार बन सकता है.

Advertisement

'हमें गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया'

अग्रवाल का कहना था कि हमें गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया गया है. हमें बताया कि हमने आरोपी को गिरफ्तारी के आधार के बारे में सूचित कर दिया है. धारा 164 का बयान 30 सितंबर, 2022 को दर्ज किया गया था और ईडी का मामला अगले दिन के अन्य बयान पर निर्भर है. हमें नहीं पता कि कौन सा बयान सही है.
 
'कोई पैसा नहीं दिया गया है'

अग्रवाल ने कहा- मैंने इनकार किया. मैं शराब नीति के बारे में डिप्टी सीएम से बात नहीं कर सकता. लेकिन ईडी अधिकारी को कुछ और कहने में सक्षम हैं और फिर भी यह नहीं कहते कि कोई पैसा दिया गया. आज हम खुद से पूछते हैं, दिनेश अरोड़ा ने यह नहीं कहा कि उन्होंने पैसे दिए. उन्होंने कहा- सुनाई दिया है विजय नायर को 20-30 करोड़ दिए गए.

'साबित करना होगा पैसा मेरे पास आया'

आज हम एक ऐसी एजेंसी की तलाश कर रहे हैं, जो यह साबित करे कि मैं मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी हूं, उन्हें यह साबित करना होगा कि पैसा मेरे पास आया है. नहीं तो इस देश में किसी के लिए भी यह कहना इतना आसान होगा और इस व्यक्ति को पैसा दिया गया है. अगर ऐसा हुआ तो आपकी निगरानी खत्म हो जाएगी.

Advertisement

अग्रवाल ने दिनेश अरोड़ा का बयान पढ़ा. कहा- सीबीआई का मामला यह है कि पैसा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के पास चला जाता है. ईडी वहां आती है, जहां सीबीआई अपनी जांच खत्म करती है. ईडी को यह साबित करना चाहिए कि पैसा कभी मेरे पास पहुंचा है.

दिनेश अरोड़ा के बयान का दिया हवाला

सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा- उनका सबसे मजबूत मामला यह व्यक्ति दिनेश अरोड़ा है. ईडी अधिकारी द्वारा दर्ज किए गए बयानों के अनुसार, दिनेश अरोड़ा मेरे साथ कुछ बातचीत के बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने 164 के तहत बयान दिया, जिस पर उसे क्षमा दे दी गई कि वो सच कह रहा है. वह किसी अमित अरोड़ा की बात कर रहे हैं. अग्रवाल ने दिनेश अरोड़ा के बयान का हवाला दिया.

'सर्वे कार्य के लिए किया गया था भुगतान'

वकील मोहित माथुर ने गुरचरण सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया और कहा- जमानत नियम है. 7 साल से कम की सजा वाले अपराधों पर अदालतों ने कहा है कि आप शर्तें भी नहीं लगा सकते. यहां हम सभी अलग-अलग लोगों के बयानों पर काम कर रहे हैं. अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा के बयान जो उन्होंने लिखे हैं, वे 70 हजार, 5 लाख जैसे हैं. एक को छोड़कर जहां राजेश जोशी कहते हैं कि उन्होंने 30 करोड़ नकद भुगतान किया. यह मुझसे जुड़ा नहीं है. उनका कहना है कि गोवा चुनाव आदि के लिए राशि है, विजय नायर ने उन्हें सर्वे कार्य के लिए भुगतान किया.

Advertisement

'ईडी ने जमानत पर सुनवाई से ठीक पहले अरेस्ट किया'

तीसरे वकील दयान कृष्णन ने कहा- ईडी ने कभी कोई रिमांड नहीं मांगी और जमानत अर्जी की सुनवाई से एक दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया. ईसीआर 22 अगस्त का था तो अब किस बात की जल्दी है? गुच्ची बाबू का बयान बिल्कुल दिनेश अरोड़ा का बयान जैसा ही है. जहां तक ​​फोन की बात है तो आरोप है कि जब नीति एलजी के पास गई तो मैंने फोन बदल दिया, यह क्या साबित करना चाहते हैं?

बचाव में खड़े तीन वकीलों पर ईडी की आपत्ति

ईडी ने कहा कि एक आरोपी के लिए तीन-तीन वरिष्ठ वकीलों द्वारा एक ही तरह की दलील देने का क्या मतलब है. ईडी के वकील ने कहा- एक आरोपी के पक्ष में तीन सीनियर बचाव कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि अभियुक्त एक महत्वपूर्ण व्यक्ति है, लेकिन फिर भी. मैं आपत्ति कर रहा हूं कि एक आरोपी व्यक्ति के लिए तीन वरिष्ठ वकील क्यों हैं.

सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी

ईडी ने कोर्ट से सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी है. एजेंसी ने कहा कि सिसोदिया का कई लोगों से आमना-सामना कराएगी. एजेंसी ने बताया कि सिसोदिया ने कई व्यापारियों को लाभ पहुंचाया है. ईडी ने बताया कि सिसोदिया ने डिजिटल सबूतों को नष्ट किया. सिसोदिया ने मामले में पूछताछ के दौरान गलत जानकारी दे रहे हैं. वहीं तीनों वकीलों की दलीलें पूरी होने के बाद ईडी इन दलीलों पर अपना पक्ष साफ करेगी. वह कोर्ट के बताएगी कि इन दलीलों कितनी सही हैं या गलत.

Advertisement

टेंडर जारी होने से पहले LG ने क्यों नहीं की शिकायत

सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है. चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने भी पॉलिसी को देखा समझा और मंजूरी दी. एलजी ने जो शिकायत की है, वो टेंडर जारी होने के बाद की है, पहले की नहीं. यहां एजेंसी टेंडर जारी होने से पहले की बात कर रही है. 

सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला: वकील 

उधर, सिसोदिया की ईडी द्वारा गिरफ्तारी पर उनके वकील दयान कृष्णन ने सवाल उठाए. वकील ने कहा कि हमारी जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी. इससे पहले ईडी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया. जबकि इससे पहले ईडी ने उन्हें कभी समन जारी नहीं किया था. सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कहा कि, जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है. 

चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने भी पॉलिसी को देखा समझा और मंजूरी दी. एलजी ने जो शिकायत की है वो टेंडर जारी होने के बाद की है. पहले की नहीं. यहां एजेंसी टेंडर जारी होने से पहले की बात कर रही है. 

Advertisement

दयान कृष्णन ने कहा कि सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला. उनके पास से भी छापेमारी के दौरान कोई धन दौलत संपदा कुछ भी नहीं मिला. अब कहा जा रहा है विजय नायर सिसोदिया के लिए काम कर रहा था. PMLA बेहद सख्त कानून हैं. यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी हो रही है. 

सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी को यह दिखाना होगा कि पैसा सिसोदिया के पास गया. वो दिखा दें कि 1 रुपया भी उनके पास गया. सीबीआई मामले में हम कोर्ट के सामने जमानत पर बहस करने वाले थे. मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया. जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. 

26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया 

दरअसल, सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सीबीआई की 7 दिन की हिरासत के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सिसोदिया से तिहाड़ जेल में ईडी ने पूछताछ भी की थी.

 

Advertisement
Advertisement