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राजधानी दिल्ली में नए साल की पहली ही रात को दर्दनाक घटना हुई. इस घटना में 20 साल की अंजली की मौत हो गई. मौत भी इतनी दर्दनाक कि सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए.
पुलिस ने बताया कि स्कूटी से जा रही लड़की को एक कार ने टक्कर मारी. इस टक्कर के बाद लड़की गाड़ी में फंस गई और 10-12 किलोमीटर तक घसीटा गया, जिससे उसकी मौत हो गई.
डीसीपी (आउटर) हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि लड़की का पैर गाड़ी के एक पहिये में फंस गया था, जिस वजह से वो कई किलोमीटर तक घसीटती रही.
पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये बलेनो कार में सवार थे. इनके नाम- दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल हैं.
पुलिस का कहना है कि 31-1 की रात 3 बजकर 24 मिनट पर रोहिणी के कांझावाला पुलिस थाने को सूचना मिली कि एक कार से एक बॉडी बंधी हुई है और वो कुतुबगढ़ एरिया की ओर जा रही है. हालांकि, एक्सीडेंट जिस जगह पर हुआ था, वो सुल्तानपुरी पुलिस थाने में आता है.
फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 279 (रैश ड्राइविंग) और 304-A (गैर-इरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया है.
पुलिस के मुताबिक, अभी ये मामला लापरवाही से गाड़ी चलाने का दिख रहा है. आरोपियों ने शराब पी थी या नहीं, इसकी जांच के लिए उनका ब्लड सैम्पल ले लिया गया है. बहरहाल, इस पूरे मामले के सामने आने के बाद ये जानना जरूरी है कि रैश ड्राइविंग करने या शराब पीकर गाड़ी चलाने या इससे किसी की मौत हो जाने पर क्या सजा हो सकती है?
कितनी खतरनाक है रैश ड्राइविंग?
रैश ड्राइविंग या लापरवाही से गाड़ी चलाना न सिर्फ गाड़ी चलाने वाले के लिए खतरनाक है, बल्कि आसपास के लोगों के लिए भी ये जानलेवा है.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं कि 2021 में सड़क हादसों में 1.55 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इनमें से 42 हजार 853 लोगों की मौत खतरनाक या लापरवाही तरीके से ड्राइविंग करने या ओवरटेकिंग करने पर हो गई. यानी, हर दिन औसतन 117 मौतें.
वहीं, हमारे देश में शराब पीने की मनाही नहीं है लेकिन शराब पीकर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी है. अगर आपके 100 एमएल खून में 30 एमजी अल्कोहल पाया जाता है तो माना जाएगा कि आप शराब पीकर गाड़ी चला रहे हैं.
शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाने की वजह से भी हर दिन औसतन 8 लोग मारे जाते हैं. एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल शराब या ड्रग्स का सेवन करके गाड़ी चलाने की वजह से 2 हजार 935 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, सड़क और परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 2021 में शराब या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाने की वजह से 3 हजार 314 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 7 हजार 509 घायल हो गए थे.
क्या हो सकती है सजा?
खतरनाक या लापरवाही तरीके से गाड़ी चलाना या फिर शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना गैरकानूनी है और ऐसा करने पर जेल की कैद से लेकर जुर्माने तक की सजा हो सकती है.
अगर खतरनाक या लापरवाही तरीके से गाड़ी चला रहे हैं तो ये मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 के तहत गैरकानूनी है. ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने की जेल या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. वहीं, तीन साल के अंदर दोबारा से ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर दो साल की कैद या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
इसी तरह शराब पीकर या ड्रग्स लेकर गाड़ी चलाना मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 के तहत अपराध है. नशे की हालत में गाड़ी चलाते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने की कैद या दो हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. जबकि, तीन साल के अंदर फिर से ऐसा करते हुए अगर पकड़े जाते हैं तो दो साल तक की जेल या तीन हजार रुपये जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
क्या होगा अगर किसी की मौत हो जाए?
अगर लापरवाही या खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने या फिर शराब या ड्रग्स के नशे में गाड़ी चलाने पर कोई दुर्घटना हो जाती है और किसी की मौत हो जाती है तो गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज हो सकता है.
अंजली की मौत के मामले में भी पुलिस ने आईपीसी की धारा 279 और धारा 304-A के तहत मामला दर्ज किया है. धारा 279 रैश ड्राइविंग करने पर दर्ज की जाती है.
धारा 279 कहती है कि अगर किसी व्यक्ति के लापरवाही या खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने पर किसी व्यक्ति की जान को खतरा होता है या किसी को नुकसान पहुंचता है तो दोषी पाए जाने पर उसे 6 महीने तक की कैद या एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
वहीं, धारा 304-A गैर-इरादतन हत्या के मामले में लगाई जाती है. ये धारा कहती है कि अगर किसी व्यक्ति के उतावलेपन से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो दोषी पाए जाने पर उसे दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.