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JNU के छात्र Sharjeel Imam ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में दी चुनौती, दिल्ली दंगों में भीड़ को उकसाने का है आरोप

शरजील इमाम पर आरोप है कि उसने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले भू-भाग (चिकेन नेक) को काटने की बात कही थी. शरजील इमाम असम को देश से अलग करने वाले भाषण के बाद चर्चा में आया था. इसके बाद उसके खिलाफ कई मुकदमे दायर हुए थे.

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शर्जिल इमाम. -फाइल फोटो
शर्जिल इमाम. -फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शरजील इमाम को बिहार से किया गया था गिरफ्तार
  • पांच राज्यों ने शरजील के खिलाफ दर्ज किया था देशद्रोह का केस

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के लिए लोगों को उकसाने और भड़काने के आरोपियों में से एक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय हो चुका है. इस मामले में शरजील इमाम की ओर से निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अब दो महीने बाद 26 मई को दिल्ली हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा.

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दरअसल, 24 जनवरी को पूर्वी दिल्ली की एक अदालत ने शरजील इमाम के खिलाफ राजद्रोह सहित आईपीसी की कई संगीन धाराओं में आरोप तय कर दिए थे. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि दिसंबर 2019 में दिए गए उत्तेजक भाषणों के लिए शरजील इमाम को ट्रायल का सामना करना होगा.

शरजील इमाम पर आरोप है कि उसने अपने भाषण में असम को देश के बाकी हिस्से से जोड़ने वाले संकरे भूभाग यानी चिकेन नेक क्षेत्र को अलग करने की बात कही थी. शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) के तहत भी केस दर्ज किया था.

वहीं बाद में शरजील ने कहा था कि उसने केवल लोगों से शांतिपूर्ण ढंग से चक्का जाम करने की बात कही थी, लेकिन पुलिस ने शरजील के भाषण की वीडियो क्लिप कोर्ट में पेश करते हुए आरोपों की पुष्टि की.

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