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दिल्ली दंगों के दौरान हुई हत्या के मामले में 5 आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने 2 को किया बरी

दिल्ली में साल 2020 के दंगों से जुड़े एक मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने पांच आरोपियों को दोषी ठहराया है. कोर्ट ने गैर इरादतन हत्या और गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने के आरोप में पांच आरोपियों को दोषी करार देने के साथ ही दो आरोपियों को बरी भी कर दिया है.

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम आदेश सुनाते हुए ठाणे नगर निगम के फैसले को गलत करार दिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अहम आदेश सुनाते हुए ठाणे नगर निगम के फैसले को गलत करार दिया (प्रतीकात्मक तस्वीर)

दिल्ली के पूर्वोत्तर दिल्ली में चार साल पहले हुए दंगों से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने पांच लोगों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने इस मामले में दो आरोपियों को बरी कर दिया है. यह केस दयालबाग थाना क्षेत्र के चांद बाग इलाकेमें पीर बाबा की मजार के पास मोहसिन नामक व्यक्ति की हत्या से जुड़ा है. घटना 25 फरवरी 2020 की है.

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दयालबाग थाने में केस दर्ज किया गया था जिस पर सुनवाई करते हुए जिला एवं सेशन कोर्ट ने पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है. इन सभी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने के आरोप में केस दर्ज था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक मधुकर पांडेय कोर्ट में पेश हुए.

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कोर्ट ने शनिवार को 63 पेज के अपने फैसले में सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्यों का भी उल्लेख करते हुए कहा कि घातक हथियारों से लैस दंगाई भीड़ ने मोहसिन की हत्या कर दी थी, यह स्थापित हो गया है. कोर्ट ने कहा कि चार गवाहों की गवाही के बाद इसमें कोई संदेह नहीं है कि पांच आरोपी अरुण, अमन कश्यप, आशीष, प्रदीप राय और देवेंद्र कुमार मोहसिन पर हमला करने वाली भीड़ का हिस्सा थे.

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कोर्ट ने इसे गैर इरादतन हत्या का मामला बताते हुए दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह साबित नहीं हुआ है कि कृष्णकांत और राहुल भारद्वाज दंगाई भीड़ का हिस्सा थे और ना ही पीड़ित का मोबाइल फोन ही इनके पास से बरामद हुआ था. जिला एवं सत्र न्यायालय ने पांच आरोपियों को आईपीसी की धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) और धारा 149 (हत्या की श्रेणी में नहीं आने वाली गैर इरादतन हत्या) के तहत दोषी करार दिया. कोर्ट ने पांचों आरोपियों को गैरकानूनी तरीके से एकत्रित होने का भी दीषी करा दिया. इस मामले में  अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी.

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