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दिल्ली दंगा: सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ अवमानना का केस बंद, SC ने कहा- अब इसका कोई मतलब नहीं

दिल्ली दंगों में भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर ने एक याचिका दाखिल की थी. इसके बाद उन्हीं के खिलाफ अमानना का केस चलने लगा था. अब सुप्रीम कोर्ट ने आज इस अवमानना के मामले को बंद कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में सुनवाई का कोई मतलब नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

दिल्ली दंगों के दौरान दिए गए कथित भड़काऊ बयान और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ दिए गए बयान के आधार पर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ अमानना का केस चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने आज इस अवमानना के मामले को बंद कर दिया है. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में सुनवाई का कोई मतलब नहीं है. दरअसल हर्ष मंदर ने दंगों में भूमिका की जांच को लेकर कुछ नेताओं को आरोपी बनाने की मांग दिल्ली हाई कोर्ट से की थी. 

हाई कोर्ट के खिलाफ SC पहुंचे थे हर्ष मंदर

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में दो महीने की तारीख लगा दी जिसके खिलाफ हर्ष मंदर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और हाई कोर्ट के जज पर सवाल उठाए. उन्हें हाई कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की थी. इसके बाद हाई कोर्ट के जज के खिलाफ सवाल उठाने पर दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से अवमानना की कार्रवाई किए जाने की मांग की थी. उस समय कोर्ट ने हर्ष मंदर को नोटिस भी जारी किया था.

क्या है मामला?

जानकारी के लिए बता दें कि हर्ष मंदर ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर बीजेपी के नेताओं- अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, अभय वर्मा और कपिल मिश्रा पर दिल्ली में हिंसा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. साथ ही, उनकी मांग थी कि दिल्ली दंगे मामलों की जांच की जाए.

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2020 में दिल्ली में हुए थे दंगे

बता दें कि अक्टूबर महीने में ही दिल्ली दंगों से जुड़े एक केस में पुलिस ने करीब ढाई साल बाद गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था. 18 अक्टूबर को आए कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस यह केस दर्ज किया था. दरअसल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान सिकंदर नाम के एक शख्स की मौत हो गई थी. उत्तर पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी 2020 को अचानक दंगे भड़क गए थे. दंगाग्रस्त क्षेत्रों की सड़कों पर सांप्रदायिक नफरत की आग भड़क उठी थी. इन दंगों के दौरान 53 लोगों की जान गई थी. वहीं, सैकड़ों लोग जख्मी हुए थे.

 

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