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दिल्ली दंगाः कोर्ट ने तोड़फोड़ और आगजनी के आरोपी को किया बरी, कही ये बात

दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने साल 2020 में राजधानी में हुए दंगों के दो मामलों की सुनवाई की. एक मामले में कोर्ट ने आरोपी रोहित को बरी कर दिया. इसके साथ ही दूसरे मामले में एक नर्सिंग होम में आग लगाने के केस में 5 आरोपियों को भी आरोपमुक्त कर दिया.

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दिल्ली में साल 2020 में दंगे हुए थे (फाइल फोटो)
दिल्ली में साल 2020 में दंगे हुए थे (फाइल फोटो)

देश की राजधानी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों से जुड़े दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही एक स्थानीय अदालत ने एक मामले में आरोपी को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को साबित करने में विफल रहा.

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एजेंसी के मुताबिक आरोपी रोहित के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिस पर एक गैरकानूनी सभा का हिस्सा होने का आरोप लगाया गया था. साथ ही आरोप था कि रोहित भी दंगे में शामिल था. उसने दुकानों और घरों में तोड़फोड़, चोरी और आगजनी की थी. पहला मामला गोकलपुरी में 25 और 26 फरवरी 2020 की दरम्यानी रात हुए दंगों की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था. जबकि दूसरा मामला 25 फरवरी 2020 को दंगे की इसी तरह की घटनाओं के लिए दर्ज किया गया था.

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि चर्चा और टिप्पणियों से यह अदालत इस नतीजे पर पहुंची है कि अभियोजन पक्ष दंगा, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को साबित करने में विफल रहा. न्यायाधीश ने रोहित को दोनों मामलों में उसके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी कर दिया.

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'पुलिस ने औपचारिक रूप से जानकारी दर्ज नहीं की'

कोर्ट ने कहा कि आम चश्मदीदों ने मामलों में रोहित की पहचान नहीं की और अभियोजन पक्ष ने 2 हेड कांस्टेबलों की गवाही पर भरोसा किया, लेकिन आरोपी की पहचान करने वाले संबंधित पुलिस अधिकारियों ने औपचारिक रूप से जानकारी दर्ज नहीं की. जस्टिस पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा कि दंगे में शामिल एक व्यक्ति के बारे में जानकारी होना सामान्य जानकारी नहीं थी. पुलिस की ओर से इस तरह की जानकारी को जल्द से जल्द औपचारिक तरीके से रिकॉर्ड किया जाना चाहिए था.

रोहित के खिलाफ दो FIR की गईं थी दर्ज

पुलिस ने रोहित के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत दो FIR दर्ज की थी, जिसमें घर को नष्ट करने के इरादे से दंगा, आवासीय घर में चोरी और आग या विस्फोटक पदार्थ द्वारा शरारत करना शामिल था.

आग लगाने के मामले में 5 आऱोपी किए आरोपमुक्त

वहीं दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े दूसरे मामले में एक नर्सिंग होम में आग लगाने के मामले में 5 आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने कहा कि आरोपी वे दंगा करने के आरोप में मुकदमे का सामना करेंगे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने एक आदेश में कहा कि आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 436 का कोई स्पष्ट अपराध नहीं बनता है. 

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'नर्सिंग होम जलाने की कोई तस्वीर नहीं'

अदालत ने कहा कि दंगाइयों द्वारा नर्सिंग होम को जलाने की कोई तस्वीर नहीं थी और इसके बजाय एक जली हुई एम्बुलेंस की तस्वीर को रिकॉर्ड पर रखा गया था. शिकायतकर्ता और उसके दो कर्मचारियों ने "सामान्य भाषा" का इस्तेमाल यह स्थापित करने के लिए किया कि 24 फरवरी, 2020 को दंगों के दौरान एक दंगाई भीड़ ने नर्सिंग होम को जला दिया था. कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा होता तो इस संपत्ति की तस्वीरों को भी उसी तरह दिखाया जा सकता था, जैसे जली हुई एंबुलेंस के मामले में दिखाया गया था. शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर भजनपुरा थाना पुलिस ने अब्दुल सत्तार, मोहम्मद खालिद, हुनैन, तनवीर अली और आरिफ के खिलाफ FIR दर्ज की थी.
 

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