दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शहर के एक निवासी को उसकी 15 साल पुरानी बाइक रखने के मामले में रोचक टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि वह अपनी इस पुरानी बाइक को तब तक अपने साथ रख सकता है, जब तक कि वह इसे अपने घर से बाहर नहीं निकालता.
याचिकाकर्ता सत प्रकाश की बाइक को 2021 में मूलचंद फ्लाईओवर के पास जब्त कर लिया गया था, जिसके बाद वाहन से इमोशनल अटैचमेंट का हवाला देते हुए बाइक वापस लेने के लिए साकेत अदालत में एक याचिका दायर की थी.
दिल्ली में बैन हैं 10 साल से ज्यादा पुराने वाहन
एनजीटी के आदेश के तहत 2014 से 10 साल पुराने किसी भी डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पेट्रोल वाहन के दिल्ली में चलने से रोक लगा दी है. 2018 में सरकार ने ऐसे किसी भी वाहन को जब्त करने और फिर उसे स्क्रैप में भेजने दिशानिर्देश जारी कर दिए थे.
दिसंबर 2021 में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बाइक मालिक को चालान का भुगतान करने और सरकार द्वारा वाहन को स्क्रैप में भेजने का आदेश दिया था. हालांकि गुरुवार को सत्र अदालत ने बाइक मालिक के इमोशनल अटैचमेंट वाले तर्क को स्वीकार कर लिया है.
कोर्ट में अंडरटेकिंग भरने के बाद मिली इजाजत
नियमों के तहत मालिक पुराने वाहनों को तभी अपने पास रख सकते हैं, जब उन्हें अपने निजी घर के अंदर पार्क करें और सड़कों या सार्वजनिक पार्किंग स्थलों पर न ले जाएं. दिल्ली के टोडापुर गांव के निवासी याचिकाकर्ता को अदालत के समक्ष एक अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था.
इसके बाद ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने उसके घर का निरीक्षण किया था, जिन्होंने एक रिपोर्ट दायर की थी जिसमें यह बताया गया था कि याचिकाकर्ता के परिसर में पुरानी बाइक और नए वाहन को घर के अंदर पार्क करने की पर्याप्त जगह है या नहीं. इसके बाद अगस्त में पारित एक आदेश में जिला अदालत ने उन्हें अंडरटेकिंग का पालन करने की चेतावनी देते हुए बाइक रखने की अनुमति दी थी.
दो महीने में 1754 वाहनों को जब्त किया
दिल्ली परिवहन विभाग और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा पिछले साल जारी रिपोर्ट के अनुसार, पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के खिलाफ एक अभियान के तहत नवंबर और दिसंबर 2021 के बीच अधिकारियों द्वारा कुल 1754 वाहनों को जब्त किया गया था.
दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों को जब्त करने और उन्हें स्क्रैपिंग यूनिट में ले जाने के लिए एक विस्तृत एसओपी और चयनित स्क्रैपर्स भी जारी किए थे. अगर किसी वाहन को स्क्रैप किया जाता है, तो सामग्री का उचित मूल्य वाहन के मालिक को भी दिया जाता है.
ज्यादातर लोग नहीं जानते क्या है नियम
पूर्व विशेष आयुक्त परिवहन केके दहिया ने इंडिया टुडे को बताया कि स्क्रैपिंग के दिशानिर्देश बनाए गए हैं. लोगों को पुराने वाहनों के बारे में नियमों की जानकारी देने के लिए परिवहन विभाग जागरूकता कार्यक्रम, विज्ञापन को इस्तेमाल करता है. हमें कई लोगों के आवेदन मिलते हैं, जो अपना पुराना वाहन रखना चाहते हैं लेकिन इसके लिए कोर्ट को अंडरटेकिंग देने की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग नियम ही नहीं जानते. आप चाहें तो वाहन को अपने घर में रखने पर कोई रोक नहीं है, लेकिन इसे कॉलोनी की पार्किंग या सार्वजनिक सड़क पर खड़ा नहीं किया जा सकता है. इसे सड़क पर नहीं निकाला जा सकता है. विभाग इन वाहनों के लिए पीयूसी, बीमा आदि जारी करना बंद कर देता है.