किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है. हरियाणा सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा के तहत 43 किसान संगठनों को याचिका में पक्षकार बनाने की मांग की है. अर्जी में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और दर्शन पाल का नाम भी शामिल है. इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
दरअसल, नोएडा की मोनिका अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिसमें उन्होंने नाकाबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा है कि पहले उन्हें दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट लगते थे लेकिन अब दो घंटे लग जाते हैं. उनका कहना है कि विरोध के कारण इलाके के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट सरकार और किसान प्रदर्शनकारियों को फटकार भी लगा चुका है. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत के वकील अजय चौधरी से पूछा था, 'आप सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही रोक रहे हैं! आप ट्रेन रोक रहे हैं! हाईवे रोक रहे हैं! इसकी इजाजत कैसे दी जा सकती है?' इस पर अजय चौधरी ने कहा कि हाइवे पुलिस ने रोक रखा है और उन्हें भी पुलिस ने रोक रखा है.
जस्टिस एमएम खानविलकर ने कहा था कि अब आपने याचिका दाखिल कर दी है और हम सुनवाई कर रहे हैं तो आप विरोध प्रदर्शन जारी नहीं रखें. जिस पर अजय चौधरी ने कहा था, हम तो समाधान चाहते हैं. हम पर हाइवे और अन्य यातायात रोकने की जिम्मेदारी नहीं डाली जाए. इस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा, 'अगर ये बात है तो आप सबसे पहले यही हलफनामे में लिखकर हमें दे दीजिए कि आप हाइवे जाम करने वालों में शामिल नहीं हैं. आप वो किसान नहीं हैं.'
इससे पहले गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वो इस याचिका में किसान संगठनों को भी पक्षकार बनाए. इसके बाद ही हरियाणा सरकार ने हलफनामा दायर 43 किसान संगठनों को पक्षकार बनाने की मांग की है.