सड़कों पर होने वाले प्रदर्शन से आम लोगों को होने वाली परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक बार फिर चिंता जताई है. तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद (Bharat Bandh) की वजह से सड़कें ब्लॉक हो गई थीं और ट्रैफिक जाम हो गया था. लगातार सड़कें ब्लॉक होने और उससे ट्रैफिक समस्या होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की खिंचाई की है.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून बनाना हमारा काम है, लेकिन उसे लागू करवाने की जिम्मेदारी सरकार की है. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा, 'अगर हम दखल देते हैं और कोई आदेश पारित करते हैं तो आप कहेंगे कि हम अतिक्रमण कर रहे हैं. उनकी शिकायतें गंभीर हो सकती हैं, लेकिन वो हमेशा के लिए हाइवे ब्लॉक नहीं कर सकते.'
जस्टिस कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा, 'समस्याओं का समाधान न्यायिक मंच, आंदोलन या संसदीय बहस के जरिए हो सकता है. लेकिन हाइवे को कैसे ब्लॉक किया जा सकता है और ये हमेशा से हो रहा है. ये कब खत्म होगा?'
सुप्रीम कोर्ट नोएडा की मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने नाकाबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा कि पहले उन्हें दिल्ली पहुंचने में 20 मिनट लगते थे, लेकिन अब दो घंटे से ज्यादा का वक्त लगता है. उनका कहना है कि विरोध के कारण इलाके के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा, 'उन्हें शिकायत है लेकिन दूसरे लोगों को भी शिकायत हो सकती है. वो सड़क पर फंस गए हैं. दो दिन पहले कुछ हुआ था. एक दिन के लिए ये ठीक है, लेकिन हमेशा के लिए हाइवे को ब्लॉक नहीं कर सकते.' सुप्रीम कोर्ट का इशारा सोमवार को 40 किसान संगठनों के बुलाए भारत बंद को लेकर था. भारत बंद की वजह से दिल्ली और हरियाणा में जगह-जगह सड़कें जाम हो गई थी और लोग फंस गए थे.
कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (SG Tushar Mehta) ने बताया, 'अदालत ने 3 सदस्यों की समिति का गठन किया था, लेकिन उन्होंने ये कहते हुए इस समिति में आने से इनकार कर दिया था कि हम कोर्ट में याचिका के पक्षकार नहीं हैं.' इस पर जस्टिस कौल ने कहा, 'आप सरकार हैं. अगर आप याचिका में किसी व्यक्ति को पार्टी बनाना चाहते हैं तो आप एक आवेदन कर सकते हैं. क्या आपने किया?'
इसके बाद केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर के आसपास के हाइवे से नाकाबंदी हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं में भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठनों को जोड़ने की अनुमति मांगी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में अब सोमवार को सुनवाई होगी.