सुप्रीम कोर्ट में पांच नए जजों की नियुक्ति को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल दिसंबर में इन नामों की सिफारिश की थी. राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का परवाना जारी होने के बाद अब शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा. सोमवार की सुबह साढ़े बजे सुप्रीम कोर्ट के नव नियुक्त जज शपथ लेंगे. सुप्रीम कोर्ट के विस्तारित परिसर में बने सभागार में शपथ समारोह आयोजित होगा. इनके शपथ लेते ही सुप्रीम कोर्ट के कुल स्वीकृत जजों की संख्या 34 की काफी हद तक भरपाई हो जाएगी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अभी तक 27 जज हैं. पांच नए जजों के आते ही यह संख्या 32 हो जाएगी. अगले हफ्ते में उम्मीद है कि दो और जजों के नामों की सिफारिश को केंद्र सरकार अपनी मंजूरी दे दे. इन दो नामों की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाल ही में की है. उन नियुक्तियों को मंजूरी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट फिर से पूर्ण क्षमता वाला हो जाएगा. हालांकि इस साल औसतन हर डेढ़ महीने में एक जज का रिटायरमेंट है. यानी कुल 9 जज इस साल 65 साल के हो जाएंगे और उनकी सेवानिवृत्ति इस साल तय है.
आज इन जजों के नाम की मिली मंजूरी
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के लिए जिन पांच नए जजों के नाम को मंजूरी दी है, उनमें राजस्थान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मिथल, पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल, मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीवी संजय कुमार, पटना हाई कोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल है.
तीन राज्यों में बनाए गए एक्टिंग चीफ जस्टिस
सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त किए जाने का वारंट राष्ट्रपति भवन से जारी होने के साथ साथ उन तीनों हाई कोर्ट्स में कार्यरत सीनियर मोस्ट जज को कार्यवाहक न्यायाधीश नियुक्त करने की घोषणा भी कर दी गई. केंद्र सरकार ने जस्टिस मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान हाईकोर्ट, जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह को पटना हाईकोर्ट और जस्टिस एमवी मुरलीधरन को मणिपुर हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है.
इन तीनों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में किए जाने की अधिसूचना यानी परवाना राष्ट्रपति ने जारी कर दिया है. सोमवार को नए जज के रूप में तीनों न्यायमूर्ति शपथ ले सकते हैं. लिहाजा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के मुताबिक तीनों की नियुक्ति के साथ ही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर वैकल्पिक व्यवस्था भी कर दी है.
अमानतुल्लाह की नियुक्ति के पीछे जानकार दे रहे तर्क
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति की सिफारिश केंद्र सरकार से की थी. पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश के पीछे जानकर ये तर्क भी दे रहे हैं कि जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर के रिटायर होने के बाद उनको लाया जा रहा है. क्योंकि जस्टिस नजीर के बाद अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय से कोई जज नहीं है. जस्टिस पारदीवाला पारसी समुदाय से आते हैं.
इस साल कौन कब रिटायर होगा?
इस साल 4 जनवरी को जस्टिस सैयद अब्दुल नजीर रिटायर हुए. इसके बाद 14 मई को जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और अगले दिन ही 15 मई को जस्टिस एमआर शाह रिटायर हो जाएंगे. 2023 में जून अनूठा महीना होगा, क्योंकि जून में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज सेवानिवृत्त होने वाले हैं. 16 जून को जस्टिस केएम जोसफ, 17 जून को जस्टिस अजय रस्तोगी और 12 दिन बाद 29 जून को जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन सेवानिवृत्त होंगे. जुलाई की 8 तारीख को जस्टिस कृष्ण मुरारी रिटायर होंगे. इसके बाद दो महीने किसी जज का विदाई समारोह नहीं है. फिर एस रविंद्र भट्ट 20 अक्तूबर को रिटायर होंगे. 2023 में रिटायर होने वाले अंतिम जज जस्टिस संजय किशन कौल 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के दिन सुप्रीम कोर्ट के जज पद को अलविदा कहेंगे.