गुजरात के गोधरा केस में सजायाफ्ता कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है. गोधरा मामले में दोषी करार दिए गए सजायाफ्ता कैदियों को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सजा-ए-मौत पाए चार कैदियों को छोड़कर अन्य सभी को जमानत दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को चीफ जस्टिस की कोर्ट ने कैदियों की ओर से दाखिल जमानत याचिका पर सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए साफ कहा कि सजा-ए-मौत पाए चार को छोड़कर बाकी दोषियों को जमानत दी जा सकती है जिन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषियों को जमानत दे दी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्तें पूरी कर बाकी लोगों को जमानत पर रिहा किया जाए. सुप्रीम कोर्ट से जमानत पाने वाले सभी दोषी अजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने ईद को देखते हुए इन सबको जमानत पर रिहा करने की अपील की. गौरतलब है कि ये सभी गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगाने और पथराव के मामले में सजा काट रहे हैं.
गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी में आग लगा दी गई थी और भीड़ ने पथराव भी किया था. इस घटना में कई रेल यात्रियों की मौत हो गई थी जिसके बाद दंगे भड़क उठे थे. इस मामले में कोर्ट ने 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने आठ आरोपियों को आजीवन कारावास और चार को मौत की सजा सुनाई थी.
गोधरा केस में बंद सजायाफ्ता कैदियों ने ईद को लेकर जमानत पर रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. दोषियों के वकील ने इनके पिछले 17-18 साल से जेल में बंद होने की दलील देते हुए जमानत पर रिहाई की अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया. गोधरा केस के सजायाफ्ता कैदियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल थे.