गैंगस्टर अबू सलेम की ओर से मुंबई सीरियल ब्लास्ट और प्रदीप जैन से जबरन वसूली के मामले में दी गई सजा को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को भी केंद्रीय गृह सचिव का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल नहीं हो पाया. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मौखिक जानकारी लेकर उसे कोर्ट तक पहुंचाया जाए.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय गृह सचिव से सलेम के प्रत्यर्पण के समय भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन पर क्या भारत सरकार आज भी पालन करेगी? कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मसले पर जवाब दाखिल करे.
जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा अबू सलेम
बता दें कि उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में सजा कम करने की मांग की गई है. अबू सलेम ने कहा है कि, उसे अवैध तरीके से भारत में रखा गया है. भारत सरकार को उसे पुर्तगाल को प्रत्यर्पित कर देना चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के समय भारत सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया था कि किसी भी मामले में 25 साल से ज्यादा सजा नहीं दी जाएगी. अबू सलेम इसी वादे का हवाला देते हुए सजा कम करने की मांग कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर सलेम ने कहा है कि उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. हालांकि, सीबीआई की ओर से हलफनामा दाखिल कर कहा गया है कि वह 2002 में दिए गए आश्वासन को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश देते हुए कहा था कि, क्या सरकार अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं मानेगी. इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा, जिसके परिणाम दूरगामी होंगे. भविष्य में भी आपको किसी को प्रत्यर्पण करके भारत लाना होगा.