कोरोना वायरस की महामारी के दौर में मास्क पर जोर दिया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने पर सरकार की ओर से भी जोर दिया जा रहा है वहीं मास्क न लगाने पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है. गुजरात में बगैर मास्क के पकड़े जाने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इसे कम करने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी. गुजरात हाईकोर्ट ने मास्क न लगाने पर जुर्माने की राशि कम करने संबंधी याचिका खारिज कर दिया है.
कोरोना वायरस से संबंधित मामले पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विजय रुपाणी के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी की ओर से दलील दी गई कि कोरोना से संक्रमण के मामले काफी कम हो गए हैं इसलिए मास्क नहीं पहनने पर लगने वाला जुर्माना 1000 से कम कर 500 रुपये कर दिया जाए.
एडवोकेट जनरल की दलील सुनने के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने सवाल किया कि क्या सभी लोग मास्क पहन रहे हैं. तीसरी लहर दस्तक देने को तैयार है. अगर राज्य में 50 फीसदी लोगों का टीकाकरण भी हुआ होता तब कोर्ट जुर्माने की राशि कम करने पर विचार करता. सुनवाई के दौरान कोर्ट में नाइट कर्फ्यू की टाइमिंग को भी कम करने की भी मांग की गई.
सरकार की ओर से हाईकोर्ट में यह दावा किया गया कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे को कम करने के लिए तमाम तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं. गौरतलब है कि गुजरात में कोरोना के नियमों का पालन न करने पर पिछले एक साल में तकरीबन ढाई सौ करोड़ रुपये बतौर जुर्माना वसूला जा चुका है. अहमदाबाद में 75 हजार लोगों समेत प्रदेश में 5.13 लाख लोगों के खिलाफ कोरोना नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज हो चुका है.