कोल माइनिंग में अवैध लेन-देन के आरोप में आईएएस समीर बिश्नोई की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. आईएएस के अलावा आरोपी सुनील अग्रवाल व लक्ष्मीकांत तिवारी की रिमांड खत्म होने के बाद आज सभी को विशेष अदालत में पेश किया गया. कोर्ट में 15 मिनट तक सुनवाई चली. इसके बाद आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उन्हें सेंट्रल जेल में रखा जाएगा. ईडी अब 10 नवंबर को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश करेगी.
8 दिन की ED रिमांड में थे आरोपी
13 अक्टूबर को IAS समीर विश्नोई समेत तीनों आरोपियों को कोर्ट ने 8 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया था. हालांकि तब कोर्ट ने ईडी की दिल्ली ले जाने की ट्रांजिट रिमांड वाली मांग को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी आरोपी अपने वकील से दो दिन में एक घंटे के लिए सिर्फ एक बार मिल सकते हैं.
ईडी पर झूठे केस में फंसाने का आरोप
पिछले पेशी के दौरान अधिकारी समीर विश्नोई ने एजेंसी पर मामला गढ़कर फंसाने का आरोप लगाया था. वहीं समीर की पत्नी प्रीति विश्नोई ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर ईडी के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने सीएम से ईडी के अधिकारियों पर झूठे मामलों में फंसाकर करियर बर्बाद करने और परिवार वालों को जिंदगीभर जेल में सड़ा देने की धमकी देते हुए दस्तावेजों में हस्ताक्षर कराने की बात कही है.
सुनवाई के समय आईएएस अधिकारियों के बचाव पक्ष के वकील ने गिरफ्तारी की वैधता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि ये कार्रवाई पूर्व में की गई आईटी की छापेमारी से जुड़ी हुई है. सभी को कोर्ट में गिरफ्तार करने के 24 घंटे बाद पेश किया गया है, जिससे नागरिकों के रूप में इनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है.
समीर के घर से मिला था कैश और कई किलो सोना
अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने छत्तीसगढ़ में कोयला के काले कारोबार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ताबड़तोड़ छापेमारी की थी. ED ने इस दौरान रायगढ़ कलेक्टर समेत कई अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान समीर बिश्नोई के घर लगभग दो करोड़ नकद 4 किलो सोना और 20 कैरेट का हीरा और 47 लाख नकद मिल ाथा.
दरअसल, तीन महीने पहले ही केंद्रीय आयकर विभाग ने सूर्यकांत तिवारी, मुख्यमंत्री भुपेश बधेल की करीबी सौम्या चौरसिया जैसे बहुचर्चित लोगों के यहां लंबी कार्यवाही को अंजाम दिया था. उसी समय से केंद्रीय एजेंसी के राडार में छत्तीसगढ के कई बड़े आईएएस अधिकारी व कुछ कोयला कारोबारी, जो कोयला परिवहन से जुड़े थे, वे लोग नजर में आ चुके थे.