scorecardresearch
 

शीना बोरा हत्याकांड में इंद्राणी मुखर्जी को मिली जमानत, SC ने दिया आदेश

शीना बोरा मर्डर केस में सुप्रीम अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. इस दौरान इंद्राणी के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पिछले 11 महीने से सुनवाई आगे ही नहीं बढ़ रही है. जबकि इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी को जमानत मिल चुकी है.

Advertisement
X
शीना बोरा केस में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिल गई है (फाइल फोटो)
शीना बोरा केस में इंद्राणी मुखर्जी को जमानत मिल गई है (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 6.5 साल से जेल में हैं इंद्राणी मुखर्जी
  • पति पीटर को मिल चुकी है जमानत

मुंबई के चर्चित शीना बोरा मर्डर केस में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम अदालत ने इस केस में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी है. सुनवाई के दौरान इंद्राणी मुखर्जी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए. उन्होंने कहा कि आरोपी इंद्राणी धारा 437 के तहत विशेष छूट की हकदार हैं. इसके साथ ही वह पिछले कई साल से जेल में हैं. लेकिन पिछले 11 महीनों से सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई है. 

Advertisement

इस दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि 237 गवाहों में से  68 की जांच की गई. लेकिन उन्हें पिछले कई साल से कोई तक पैरोल नहीं मिली. इस पर बेंच ने पूछा कि पैरोल क्यों नहीं दी गई. इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि उन्होंने पैरोल नहीं ली. हालांकि इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी को जमानत मिल गई थी. 

मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई ने की. इस दौरान ASG एसवी राजू ने कहा कि गवाह से पूछताछ की गई था कि शीना बोरा की हत्या किसने की थी. इस केस में पीटर की भूमिका बेहद सीमित थी. इतना ही नहीं, इस केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी. 

मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई ने की. इस दौरान ASG एसवी राजू ने कहा कि गवाह से पूछताछ की गई था कि शीना बोरा की हत्या किसने की थी. इस केस में पीटर की भूमिका बेहद सीमित थी. इतना ही नहीं, इस केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी.  
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित है.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मामले के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. अगर अभियोजन पक्ष की ओर से 50 प्रतिशत गवाहों को छोड़ भी दिया जाता है, तो भी मुकदमा जल्द खत्म नहीं होगा. वह 6.5 साल से जेल में हैं. इंद्राणी को भले ही जमानत मिल गई है, लेकिन निचली अदालत की संतुष्टि के बाद उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा. (इनपुट-कानू सारदा)

 

Advertisement
Advertisement