scorecardresearch
 

'लखीमपुर केस की सुनवाई पूरी होने में कम से कम पांच साल लगेंगे', यूपी की कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में बताया

लखीमपुर खीरी हिंसा के मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की संक्रांति भी जेल में ही मनेगी. आरोपी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 19 जनवरी को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट में UP की कोर्ट ने बताया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई पूरी होने में कम से कम 5 साल लगेंगे.

Advertisement
X
आशीष मिश्रा (File Photo)
आशीष मिश्रा (File Photo)

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की जमानत याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट 19 जनवरी को सुनवाई करेगा. यानी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को संक्रांति पर भी जेल में ही रहना होगा.

Advertisement

सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस वी रामासुब्ह्मण्यम की पीठ के समक्ष हुई. यहां UP की अदालत ने बताया कि इस मुकदमे को पूरा होने में कम से कम 5 साल का समय लगेगा.

कोर्ट को बताया गया कि मामले में 200 गवाह और 27 सीएफएसएल रिपोर्ट हैं. इसलिए ट्रायल पूरा होने में कम से कम पांच साल लग जाएंगे. दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत से पूछा था कि इस केस को पूरा होने में कितना समय लग सकता है? जवाबी रिपोर्ट में ही करीब 5 साल लगने की बात कही गई है.

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आरोपी के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं. पीड़ितों की तरफ पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कुछ गवाहों पर हमले की बात कही. उन्होंने अदालत से कहा कि कुछ गवाहों को धमकी भी दी गई है. इसलिए इस मामले में लगातार डे-टू-डे हियरिंग की जरूरत है. केस गृह राज्य मंत्री से जुड़ा है. उन्होंने सबक सिखाने की बात कही थी.

Advertisement

प्रशांत भूषण ने कहा कि पहले मुख्य गवाहों और चश्मदीद गवाहों की गवाही कराई जाए. डे-टू-डे हियरिंग निचली अदालत करे. बाकी गवाहों की गवाही बाद में भी की जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई 19 जनवरी तक टाल दी है.

इस पर जवाब देते हुए यूपी सरकार की तरफ से कहा गया कि गवाहों पर कोई हमला नहीं हुआ. इस बीच प्रशांत भूषण (पीड़ित पक्ष के वकील) ने राज्य सरकार पर आरोपी क पक्ष लेने का आरोप लगाया. सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारी (सरकार) एफआईआर में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

क्या है पूरा मामला

लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर 2021 को नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान सड़क पर उतर आए थे. किसानों की तैयारी एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद अजय मिश्रा टेनी का विरोध करने की थी. किसान शांतिपूर्वक सड़क से जा रहे थे कि पीछे से आई तेज रफ्तार थार किसानों को कुचलते हुए थोड़ा आगे जाकर पलट गई. इसके बाद हिंसा हुई थी. 

हिंसा में चार किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हो गई थी. केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष इस मामले में मुख्य आरोपी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करते हुए ये टिप्पणी की थी कि रिकॉर्ड में मौजूद साक्ष्यों के मुताबिक आशीष मिश्रा को जमानत नहीं दी जा सकती. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये भी कहा था कि वह राजनीतिक रूप से इतना प्रभावशाली है कि वह गवाहों को प्रभावित करेगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपी जमानत मिलने पर मुकदमे को भी प्रभावित करेगा.

Advertisement
Advertisement