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जयपुर ब्लास्ट केस: दोषियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे पीड़ित परिवार

2008 के जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में पीड़ित परिवारों ने अब राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए 4 आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाया था.

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जयपुर बम ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
जयपुर बम ब्लास्ट के पीड़ित परिवारों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए चार आरोपियों के खिलाफ अब पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. 2019 में निचली अदालत ने चार दोषियों को फांसी की सज़ा दी थी. इसी साल 29 मार्च को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने दोषियों को बरी कर दिया था. 2008 में जयपुर ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 185 लोग घायल हो गए थे.

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राज्य सरकार ने किया था फैसला

पीड़ित परिवारों ने अब निचली अदालत के आदेश को रद्द करने की मांग को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले राज्य सरकार ने भी इस मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करने का फैसला किया था. मुख्यमंत्री ने अशोक गहलोत ने कहा था राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले, इसलिए हाईकोर्ट के फैसले के विरूद्ध राज्य सरकार उच्चतम न्यायालय में शीघ्र ही विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करेगी.

ब्लास्ट में मारे गए थे 71 लोग

साल 2008 की मई में जयपुर में सिलसिले वार 8 ब्लास्ट हुए थे. इन सीरियल ब्लास्ट में 71 जानें गई थीं और 185 लोग घायल हो गए थे. मामले में चली लंबी जांच और कोर्ट ट्रायल के बाद साल 2019 में जयपुर की निचली अदालतों ने चार आरोपियों को दोषी माना था और फांसी की सजा सुनाई थी. पिछले महीने ही  इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसला पलट दिया और आरोपियों को बरी कर दिया था.

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साइकिल में लगाए गए थे बम

एटीएस की जो थ्योरी इस मामले में सामने आई थी. उसके मुताबिक, इंडियन मुजाहिदीन ने इस ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी. 2008 में 12 आतंकी दिल्ली से बस से बम लेकर जयपुर आए थे. जयपुर में ही उन्होंने 9 साइकिलें खरीदीं और इन्हीं साइकिलों में बम लगाकर टाइम सेट करके अलग-अलग जगहों पर खड़ी कर दी थीं. इसके बाद आतंकी शताब्दी एक्सप्रेस से दिल्ली आ गए थे. आतंकियों ने 9 बम लगाए थे, जिनमें 8 बम तो 16 मिनट में फट गए थे, लेकिन नौवें बम को एक गेस्ट हाउस के पास प्लांट किया गया था. इसके फटने का समय अन्य ब्लास्ट से डेढ़ घंटे बाद का था. बम डिफ्यूजन स्क्वाड ने इसे फटने के टाइम के कुछ मिनट पहले डिफ्यूज कर दिया था.

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