NCP विधायक जितेंद्र आव्हाड को छेड़छाड़ के मामले में मंगलवार को फौरी तौर पर राहत मिल गई है. ठाणे जिला सत्र न्यायालय ने उन्हें 15 हजार रुपये के मुचलके पर अग्रिम जमानत दे दी है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनसीपी नेता के जमानत का विरोध किया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का सदस्य हैं और वह जांच में बाधा डाल सकते हैं. इसके अलावा वह इस मामले से जुड़े लोगों पर भी दबाव बना सकते हैं. पिछले मामले में उन्हें जमानत देते समय नियम व शर्तों का पालन नहीं किया गया था.
मुंब्रा विधायक ने छेड़छाड़ का मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तारी से पहले ही जमानत के लिए आवेदन कर दिया था. आव्हाड के वकील विशाल भानुशाली ने तर्क दिया कि मुंब्रा में एक ब्रिज के उद्घाटन कार्यक्रम में काफी भीड़ जुटी थी. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल हुए थे. उस समय एनसीपी नेता किसी भी अप्रिय घटना से बचने की पूरी कोशिश कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने महिला को एक तरफ कर दिया था. सिर्फ छूने से आईपीसी 354 लागू नहीं होती है.
NCP नेता ने विधायकी से दिया इस्तीफा
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड अपना इस्तीफा महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को भेज चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह इसलिए इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि उनके खिलाफ तीन दिनों में दो झूठे मामले दर्ज किए गए हैं.
जितेंद्र के बचाव में उतरे अजित पवार
एनसीपी नेता अजित पवार ने जितेंद्र आव्हाड से इस्तीफा वापस लेने के लिए कहा है. पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा कि पार्टी विधायक के खिलाफ मामला गलत तरीके से दर्ज किया गया है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
एनसीपी नेता पवार ने आव्हाड का बचाव करते हुए कहा है कि जब मराठी फिल्म 'हर हर महादेव' की स्क्रीनिंग बाधित हुई, तो जिस व्यक्ति को पीटा गया था, उसने खुद बताया कि आव्हाड ने उसकी रक्षा की थी, लेकिन आव्हाड पर केस दर्ज कर लिया गया और उन्हें रातभर थाने में रखा गया.’
पवार ने कहा,‘दूसरी घटना में, सीएम एकनाथ शिंदे कार्यक्रम में थे और आव्हाड भी कार्यक्रम में मौजूद थे. वह वीडियो में लोगों को (रास्ता बनाने के लिए) एक तरफ होने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं और महिला को एक तरफ करने की कोशिश करते दिख रहे हैं. वहां कुछ नहीं हुआ. इस तथ्य के बावजूद कि शिंदे मौके से सिर्फ 10 मीटर दूर थे, इस तरह का अपराध दर्ज किया गया.’