दिल्ली के कंझावला में मौत के मामले में रोहिणी कोर्ट ने 6 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. साथ ही कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज और पीसीआर के जवाब में हुई देरी पर भी जवाब मांगा है. अदालत ने संयुक्त पुलिस आयुक्त को सबूतों से छेड़छाड़ से बचने के लिए सीसीटीवी फुटेज का तत्काल संरक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
इस मामले पर सुनवाई कर रही रोहिणी कोर्ट के जज ने कहा कि पहले दिन से आज तक कई सीसीटीवी फुटेज सामने आईं हैं. इन पर विचार करते हुए, मैं संबंधित संयुक्त पुलिस आयुक्त को निर्देशित करना उचित समझता हूं कि प्रासंगिक तकनीकी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ से बचने के लिए घटना स्थल पर उपलब्ध सीसीटीवी फुटेज का तुरंत सेव किया जाए.
कोर्ट ने मांगी CCTV कैमरों की सीलबंद रिपोर्ट
इसके अलावा, एनडीओएच द्वारा घटना स्थल पर सभी सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी और 12-13 किलोमीटर के कथित रूट मैप के संबंध में एक सीलबंद कवर में एक रिपोर्ट दायर की जानी चाहिए. इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख होगा कि राज्य के खर्च पर कितने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और उनमें से कितने चालू या बंद हालत में पाए गए हैं.
PCR ने रिस्पॉन्ड करने में की देरी
साथ ही अदालत ने इस घटना के पीसीआर कॉल का जवाब देने में हुई देरी पर ज्वाइंट सीपी से रिपोर्ट मांगी है. दरअसल नए साल की रात पुलिस को PCR कॉल रिसीव हुई लेकिन पुलिस ने उसपर तुरंत रिस्पॉन्ड नहीं किया, इसे लेकर भी अब अदालत ने पुलिस से जवाब मांगा है.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि 31 दिसंबर की रात को अंजलि और उसकी दोस्त ने अपने दोस्तों के साथ एक होटल में नए साल का जश्न मनाया था. फिर रात करीब दो बजे दोनों लड़कियां स्कूटी से अपने घर के लिए निकल गई थीं. निधि के बयान के मुताबिक पहले उसने स्कूटी चलाई थी, लेकिन फिर अंजलि ने खुद ही ड्राइव करने की जिद्द की. जब उसने स्कूटी चलाना शुरू किया, सामने आ रही एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उनके वाहन में टक्कर मार दी.
उस हादसे में निधि तो बच गई, लेकिन अंजलि गाड़ी के नीचे जा फंसी. फिर गाड़ी में बैठे युवक कार को भगाते रहे और अंजलि को कई किलोमीटर तक घसीटा. उस वजह से ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई.