'नेमप्लेट विवाद' को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बहस के दौरान सोमवार को याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने कहा कि शिवा ढाबा की एक चेन है. इसने पूरे भारत में चेन बना रखी है. इसे कोई भी चला सकता है, चाहे वह सिख हो, मुस्लिम हो या ईसाई. इस पर बेंच ने पूछा कि क्या सरकार का कोई औपचारिक आदेश है कि इन्हें प्रदर्शित किया जाना चाहिए? क्योंकि यह कहा जा रहा है कि यह स्वैच्छिक है. इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा कि यह एक छद्म आदेश है.
याचिकाकर्ता की तरफ से सीनियर एडवोकेट सीयू सिंह ने कहा,'दो और राज्यों ने अधिसूचना जारी की है. जस्टिस हृषिकेश रॉय और एसवी एन भट्टी की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. एनजीओ एसोसिएशन ऑफ सिविल राइट्स की ओर से सी यू सिंह ने कहा,'यह कब जारी किया गया?' सिंह ने अधिसूचना पढ़ी. उन्होंने कहा,'ऐसा पहले कभी नहीं किया गया. इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है. कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता.' यह निर्देश हर हथगाड़ी, रेहड़ी और चाय की दुकान के लिए है. कर्मचारियों और मालिकों के नाम देने से कोई फायदा नहीं होता.
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अधिकांश छोटी चाय या फल की दुकानें
कांवड़ यात्रा पर सिंघवी ने कहा,'यह न्यायालय उन लोगों के लिए कठोर है जो नियमों का उल्लंघन करते हैं, और जब लोग बहुत चालाकी से काम लेते हैं और छलावरण करते हैं तो यह और भी कठोर हो जाता है. सिंघवी ने कहा उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो हम हजारों किलोमीटर की बात कर रहे हैं, उनमें से अधिकांश बहुत छोटी चाय की दुकान या फल की दुकान वाले हैं, यह आर्थिक मौत है. पीठ: कृपया बयानों को बढ़ा-चढ़ाकर न बताएं, सुरक्षा, मानक और धर्मनिरपेक्षता. ये सभी महत्वपूर्ण पहलू हैं.'
मुजफ्फरनगर में हुई थी शुरुआत
दरअसल, यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा से पहले जरूरी निर्देश जारी किए हैं. सरकार के मुताबिक, सड़क किनारे ठेले समेत हर खाद्य पदार्थ की दुकान के मालिक को अपने नाम का बोर्ड लगाना जरूरी होगा. एक दिन पहले ही इस नियम की शुरुआत मुजफ्फरनगर में हुई थी. वहां स्थानीय प्रशासन ने कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर उनके मालिक और संचालक के नाम लिखने के निर्देश दिए थे. अब ये नियम पूरे प्रदेश में लागू होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 जुलाई को अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की और पूरे प्रदेश में कांवड़ यात्रियों के रास्ते में पड़ने वाली हर दुकान के मालिक और उसके संचालक का नाम लिखने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने हलाल प्रोडक्ट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. कई विपक्षी नेताओं ने यूपी सरकार से आदेश वापस लेने के लिए कहा है.