केरल की विधानसभा में करीब छह साल पहले हुए हंगामे का मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने विधान सभा में हंगामा करने वाले केरल के लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के विधायकों को राहत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही विधायकों की ओर से विधान सभा में माइक तोड़ने और हंगामा करने को लेकर सख्त टिप्पणी भी की.
केरल सरकार की ओर से विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने को लेकर दायर की गई याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी. केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर विधायकों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की इजाजत मांगी थी. केरल सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई भी राहत देने से इनकार कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये संगीन मामला है. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विधायकों के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए. कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपने पब्लिक प्रॉपर्टी को बर्बाद किया है. आप जनता को क्या संदेश देना चाह रहे हैं? इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने भी प्रदेश सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मुकदमा वापस लेने की इजाजत नहीं दी थी.
गौरतलब है कि एक बहस के दौरान केरल विधानसभा में हंगामा हुआ था. हंगामे का ये मामला साल 2015 का है. हंगामे के दौरान कुछ विधायकों ने माइक तोड़ दिए थे और एक-दूसरे पर हमला करने की कोशिश भी की थी. इस घटना को लेकर विधायकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था जिसपर निचली अदालत में सुनवाई चल रही है. अब केरल सरकार विधायकों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेना चाहती है.