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अयोध्या, काशी के बाद अब मथुरा... कृष्ण जन्मभूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

ज्ञानवापी मामले के बाद अब कृष्ण जन्मभूमि का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका में ज्ञानवापी में एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण की तरह साइट के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग की गई है.

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कृष्ण जन्मभूमि मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
कृष्ण जन्मभूमि मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

अयोध्या, काशी के बाद अब मथुरा के कृष्ण जन्मभूमि का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में ज्ञानवापी में एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण की तरह साइट के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग की गई है.

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दायर की गई याचिका

याचिका में कहा गया है, '...विवादित भूमि के संबंध में याचिकाकर्ता और प्रतिवादी नंबर 1 द्वारा किए गए दावे की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, वैज्ञानिक सर्वेक्षण करना अनिवार्य है. यह सर्वेक्षण आवश्यक डेटा प्रदान करेगा और सटीकता की पुष्टि करेगा और किसी भी निष्कर्ष या निर्णय के लिए एक विश्वसनीय आधार प्रदान करेगा.'

याचिका में कहा गया है कि विवादित भूमि के संबंध में, धार्मिक इतिहास और धार्मिक संदर्भ में साइट के महत्व को पूरी तरह से समझने के लिए, उचित वैज्ञानिक सर्वेक्षण और इसके माध्यम से इसके अतीत की व्यापक जांच और अध्ययन आवश्यक है.

ज्ञानवापी में हो रहा है सर्वे

बता दें कि ASI टीम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर ज्ञानवापी के सर्वे को अंजाम दे रही है. 3डी मैपिंग, स्कैनिंग, हाईटेक फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के जरिए 'सबूत' जुटाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में IIT कानपुर से एक्सपर्ट की टीम को GPR (ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार) मशीन से सर्वे के लिए बुलाया गया है. इस तकनीक से खुदाई किए बिना जमीन के नीचे जांच की जाएगी. 

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ज्ञानवापी सर्वे में अब तक क्या-क्या मिला? 

हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि ASI के सर्वे में ज्ञानवापी के तहखाने में मंदिर से जुड़ी कलाकृतियां मिली हैं. दीवारों पर त्रिशूल, कलश, कमल और स्वास्तिक के निशान मिले हैं. हालांकि, इसको लेकर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति ने जताई है. उन्होंने सर्वे को लेकर लीक हो रही खबरों पर नाराजगी व्यक्त की है. 

ये भी पढ़ें- VIDEO: ज्ञानवापी के गुंबद पर पहुंची ASI की टीम, देखें किस तरह से हो रहा सर्वे?

अंजुमन इंतजामिया कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने कहा कि जिसे त्रिशूल बताया जा रहा है असल में वो 'अल्लाह' लिखा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद के गुंबद के नीचे शंक्वाकार आकृति या शिखर नुमा आकृति मिली है, इस सवाल के जवाब में अखलाक ने कहा कि जितने भी बड़े गुंबद होते हैं, वह दो हिस्सों में ही बनते हैं. अगर ऐसी बनावट नहीं होगी तो हवा क्रॉस होने की जगह ना होने के चलते वह गुंबद गिर जाएगा.

 

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