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लखीमपुर खीरी मामले की जांच और निगरानी करने वाली हस्तियां कौन हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी दी कि SIT में जिन विशेषज्ञों को रखा है वो UP काडर के जरूर हैं लेकिन तीनों IPS अधिकारी मूल रूप से यूपी राज्य से नहीं हैं.

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लखीमपुर खीरी मामले की जांच करेगी नई टीम
  • सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, तेज जांच के निर्देश

लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नव गठित SIT को जल्द जांच पूरी करने के आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे अपराधों की जांच करते समय, न्याय न केवल किया जाना चाहिए, बल्कि होते हुए दिखते हुए और समझ में भी आना चाहिए. इसी भांति हम न्याय प्रणाली और प्रशासन में लोगों के विश्वास और भरोसे को बनाए रख सकते हैं. इसी मकसद के लिए SIT का फिर से गठन करना हम उचित समझते हैं. ऐसा इसलिए ही किया गया है ताकि जांच समयबद्ध तरीके से हो.

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कोर्ट ने आगे जोर देकर कहा कि इसके अलावा, अपराध के पीड़ितों को पूर्ण न्याय का आश्वासन देने के लिए, हम आदेश देने के इच्छुक हैं.  हम चाहते हैं कि चल रही जांच की निगरानी एक ऐसे सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा की जाए जिनकी जड़ें उत्तर प्रदेश राज्य में नहीं हैं. इसलिए, हम मामले में जांच के परिणाम में पारदर्शिता, स्पष्टता और पूर्ण  निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चल रही जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश कुमार जैन को नियुक्त करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी दी कि SIT में जिन विशेषज्ञों को रखा है वो UP काडर के जरूर हैं लेकिन तीनों IPS अधिकारी मूल रूप से यूपी राज्य से नहीं हैं.
 यह बिना कहे नहीं रहा जा सकेगा कि SIT  सच्चाई तक पहुंचने के लिए नवीनतम फोरेंसिक जांच विधियों का उपयोग करेगी. जो अधिकारी जांच करेंगे वो हैं-  श्री एस बी शिराडकर IPS, सुश्री पद्मजा चौहान, डॉ. प्रीतिंदर सिंह, DIG, IPS 2004.

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जस्टिस राकेश कुमार जैन की प्रोफाइल

राकेश कुमार जैन पहली अक्टूबर 1958 को हिसार में जन्में पले बढ़े और पढ़े. हिसार के जाने माने इनकम टैक्स एडवोकेट और विधायक रहे गुलाब सिंह जैन के पुत्र के रूप में जन्मे राकेश जैन के जस्टिस राकेश कुमार जैन बनने की यात्रा में 1982 काफी अहम है. एलएलबी करने के बाद 1982 में जब हरियाणा में भीषण लू चल रही थी तो एडवोकेट राकेश जैन ने कला कोट और गाउन पहन हिसार और चंडीगढ़ की जिला अदालत में वकालत शुरू की. यहां काम करते हुए वो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे. सिविल, क्रिमिनल और रेवेन्यू मामलों के विशेषज्ञ के रूप में 25 साल प्रैक्टिस करने के बाद दिसंबर 2007 में उनको पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया. हाईकोर्ट जज रहते हुए कोविड महामारी के दौरान भी जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण मामलों में ऐतिहासिक फैसले देने के बाद 30 सितंबर 2020 को तेरह साल सेवा के बाद जस्टिस राकेश कुमार जैन रिटायर हुए.

पद्मजा चौहान की प्रोफाइल

1998 बैच की आईपीएस अधिकारी पद्मजा चौहान हैदराबाद में एसवीएस प्रसाद वर्मा की पुत्री के रूप में 1973 में जन्मी. होनहार छात्र और फिर तेज तर्रार पुलिस अफसर के रूप में अपनी पहचान बनाने के साथ साथ पद्मजा चौहान ने तरक्की की सीढ़ियां चढ़ना जारी रखा.

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अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर यानी MA की डिग्री हासिल कर पद्मजा चौहान मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में आईजी PSR and PB के तौर पर लखनऊ में तैनात हैं. उनकी पहचान किसी भी मामले की तह तक पहुंचने, सुराग ढूंढने और असली मुजरिम तक पहुंचने के लिए तकनीकी, पारंपरिक और आधुनिक तौर तरीकों का समावेश करने में माहिर अधिकारी की रही है. विभिन्न जिलों में एसपी सहित अन्य उच्च पदों पर सेवा देने के बाद अभी पुलिस महानिरीक्षक हैं.

एसबी. शिराडकर की प्रोफाइल 
1993 बैच के आईपीएस अधिकारी एसबी शिराडकर अभी अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना के पद पर तैनात हैं.  20 दिसंबर 1968 को नांदेड़ उनका जन्‍म हुआ था. उनके पिता का नाम भगवान राव है.

शिराडकर ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर 6 सितंबर 1993 को आईपीएस के रूप में अपनी सेवा शुरू की. हालांकि बुलंदशहर में तीन साल पहले हुई मॉब लिंचिंग की जांच और व्यवस्था बनाए रखने में नाकामी के आरोप में शिराडकर का तबादला भी किया गया था. अभी शिराडकर उत्तर प्रदेश में अपर पुलिस महानिदेशक अभिसूचना यानी इंटेलिजेंस के पद पर तैनात हैं. 

 प्रितिंदर सिंह की प्रोफाइल 
आईपीएस अधिकारी प्रितिंदर सिंह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं.  वह उत्तर प्रदेश कैडर के  2004 बैच के आईपीएएस अधिकारी हैं.  इस समय वह पुलिस उपमहनिरिक्षक (डीआइजी) सहारनपुर पद पर तैनात हैं. 

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