लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की है. रिटायर्ड जस्टिस राकेश कुमार जैन ने आशीष मिश्रा को दी गई जमानत के मामले में यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी है. उसकी प्रति सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कर रही पीठ के पास भी आई.
SIT रिपोर्ट से मुश्किल में आशीष मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट ने चिट्ठी पर यूपी सरकार से सोमवार तक जवाब मांगा है. बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील को लेकर यूपी का क्या रुख है? सोमवार को अगली सुनवाई की तारीख तय करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की चिट्ठी को राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को देने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करेगा. सोमवार तक सभी पक्षों को SIT की रिपोर्ट पर भी अपना जवाब दाखिल करना है. एसआईटी ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि मिश्रा को दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर इसे रद्द कराया जाना चाहिए. इस पर CJI ने राज्य सरकार के वकील से कहा कि ऐसा लग रहा है कि जाँच की निगरानी करने वाले SIR की रिपोर्ट आरोपी का बेल रद्द करने के पक्ष में हैं. आपकी क्या राय है.
राज्य सरकार के वकील ने कहा कि इस सम्बंध में हम सरकार से निर्देश लेकर ही बता सकते हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि या तो आरोपी की जमानत रद्द की जाय या हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाय क्योंकि हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते समय तथ्यों की अनदेखी की है.
सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा मामला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को इस मामले में जमानत दे दी थी. इससे असंतुष्ट होकर पीड़ित परिवारों के लोग सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है. वैसे इस मामले में SIT ने भी पिछले साल अक्टूबर में 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. तब उस चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था. तब हत्या, हत्या का प्रयास जैसी कई धाराओं के तहत कार्रवाई हुई थी. लखीमपुर हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी.