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लालू-तेजस्वी के बाद अब तेज प्रताप यादव की बढ़ीं मुश्किलें, लैंड फॉर जॉब स्कैम में दिल्ली कोर्ट का आया आदेश

लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के बाद अब तेजप्रताप यादव की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है.

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Tej Pratap Yadav (File Photo)
Tej Pratap Yadav (File Photo)

लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के बाद अब तेजप्रताप यादव की मुश्किलें भी बढ़ती दिख रही हैं. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है. कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है.

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कोर्ट ने यह भी कहा है कि तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वे एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. उन्हें भी समन भेजा गया है. तेज प्रताप को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि ईडी ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था.

7 अक्टूबर को पेश होने का आदेश

जमीन के बदले नौकरी यानी लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है. कोर्ट ने सभी आरोपियों  के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत होने की बात पर भरोसा करते हुए सभी को 7 अक्टूबर को निजी तौर पर अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है. 

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सरकारी पद और रुतबे का दुरुपयोग किया!

ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेकर कोर्ट ने सभी अपराध लाभार्थियों यानी लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के अलावा अन्य सभी को बतौर आरोपी अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. लैंड फॉर जॉब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में ईडी ने कई सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं. रिकॉर्ड के मुताबिक बड़ी संख्या में जमीन के टुकड़ों और निर्मित भवन संपदा का ट्रासंफर लालू यादव के खास परिजनों में हुआ है. यादव परिवार ने लालू के सरकारी पद, रुतबे और हैसियत का दुरुपयोग किया है.

मीसा भारती के नाम पर ट्रांसफर की गई जमीन

कोर्ट ने कहा है कि यादव परिवार के नाम पर जमीन का ट्रांसफर होने के प्रमाण हैं. इस मामले में मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव भी मनी लांड्रिंग में शामिल थे. कोर्ट ने कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ भी इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं. किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर जमीन ट्रांसफर की. इसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई. इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे.

2014 में बड़ी तादाद में ट्रांसफर की गई थी जमीन

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कोर्ट ने कहा कि AK इंफोसिस्टम द्वारा बिहार में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादाद में जमीन के टुकड़े और अचल संपत्ति ट्रांसफर की गई. तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य हैं और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में तेज प्रताव यादव को समन जारी किया जाता है. 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जारी किया समन

ईडी की चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया. लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बातौर आरोपी 7 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

कथित घोटाला उस समय का है जब लालू यादव यूपीए.1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी.

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मामले में क्या हैं आरोप?

लैंड फॉर जॉब' स्कैम उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. आरोप के मुताबिक लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. दिल्ली की अदालत ने लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ 28 फरवरी 2023 को समन जारी किया था. इस घोटाले के सिलसिले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू फैमिली समेत 14 आरोपियों को समन जारी किया है. सभी आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने को कहा गया था. 15 मार्च को अदालत सभी आरोपियों से पूछताछ करने के बाद आरोप तय किए थे.

इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था. जुलाई 2022 में ही सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए उनके ओएसडी थे. सीबीआई का कहना है कि पटना में लालू यादव के परिवार ने 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कथित तौर पर कब्जा कर रखा है. इन जमीनों का सौदा नकद में हुआ था. यानी, लालू परिवार ने नकद देकर इन जमीनों को खरीदा था.

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