सात साल से गुमशुदा व्यक्ति के प्रत्यक्षीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई. मामला मध्यप्रदेश के सागर जिले का है. याचिका के मुताबिक मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले मानसिंह पटेल को अगस्त 2016 में एमपी के मौजूदा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के लोग घर से उठाकर ले गए थे. तब से सात साल हो गए हैं. मानसिंह पटेल का पता नहीं चला है.ओबीसी महासभा की इस अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत व अन्य से दो हफ्ते में जवाब मांगा है. 9 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा.
दरअसल, मानसिंह पटेल की जमीन सागर जिले में थी. आरोप है कि मौजूदा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उस पर काबिज हैं. राजपूत जब जमीन पर कब्जा कर रहे थे तब मानसिंह पटेल ने 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट और संबंधित थाने में नामजद शिकायत की थी. तब पटेल ने यह आशंका भी जताई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है.
पुलिस ने मानसिंह पटेल की शिकायत पर आईपीसी की धारा 145 के तहत एफआइआर रजिस्टर्ड की थी. जांच के बाद सुनवाई भी चली थी, लेकिन मानसिंह पटेल के लापता होने और कोई सुराग ना मिलने के बाद प्रकरण बंद कर दिया गया.
बेटे ने पुलिस थाने में दर्ज कराई थी शिकायत
मानसिंह पटेल के बेटे सीताराम पटेल ने 23 अगस्त 2016 को सागर के सिविल लाइन थाने में पिता मानसिंह पटेल को मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और अन्य द्वारा जबरन घर से ले जाने की शिकायत की कराई थी. बाद में सिविल लाइन थाने में 26 अगस्त 2016 को सीताराम की शिकायत पर मानसिंह की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज की गई थी.
मानसिंह पटेल को कोर्ट में पेश करे पुलिस: SC
मगर, याचिका में कहा गया है कि इन सात सालों में कई बार और कई जगह शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट सरकार और पुलिस को आदेश दे कि एक निश्चित समय सीमा में वो मानसिंह पटेल को कोर्ट में पेश करे.