सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों के लिए चुनाव प्रक्रिया को तुरंत अधिसूचित करने का आदेश दे दिया है. कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा कि वह 2 हफ्ते में चुनाव कार्यक्रम को नोटिफाई करे. चुनाव जल्द कराए जाएं. कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव हो इस तरह से टाला न जाए.
वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडाणनवीस ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र की नई सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए जो रिपोर्ट पेश की, उसको लेकर स्वीकार कर लिया गया है. बांठिया आयोग ने अच्छा काम किया है. सर्वे पूरा किया है. हमारी सरकार आने के बाद सीएम शिंदे और हमने बैठक की और 12 को किसी भी तरीके से रिपोर्ट जमा कर दी.
पिछली सरकार ने त्रिपल टेस्ट के लिए 15 महीने तक आयोग गठित नहीं किया था. 4 मार्च 2021 को ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उद्धव सरकार गंभीर नहीं है. इसको लेकर पिछली सरकार को सुझाव भी दिया गया था हालांकि बाद में आयोग गठित किया लेकिन उसको स्टाफ और पैसे भी नहीं दिए गए थे.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने कई बार पिछली सरकार को सुझाव दिया था कि इम्पिरिकल डेटा इकठ्ठा करना चाहिए. 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में पिछले सरकार ने एक रिपोर्ट जमा की लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद 9 मार्च को एक प्रेस नोट दिया कि रिपोर्ट के बारे में सरकार ने आयोग से बात नहीं की.
पिछली सुनवाई में ये दी गई थीं दलीलें
4 मई के हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि पिछड़ा वर्ग आयोग ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. जल्द ही कुछ जगहों पर नॉमिनेशन शुरू भी हो जाएगा, इसलिए सुनवाई न टाली जाए.
याचिकाकर्ता महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि पिछड़ा वर्ग आरक्षण आयोग की ओर से 800 पेज की रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है. लिहाजा इसके आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दाखिल करने के लिए कुछ मोहलत दी जाए.
चरणबद्ध चुनाव का पहला चरण 13 जुलाई से है, इसलिए कोर्ट के हरी झंडी मिलने के आदेश को लेकर अर्जेंसी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा कि नामांकन हो ही चुका है तो आप अब क्या कर सकते हैं? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नामांकन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने भी कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हुई है, लेकिन जिला परिषद और नगर निगमों के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है. इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि जो अधिसूचना जारी हो गई है, उसके मुताबिक प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाय, लेकिन जिन चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं हुई है, उनको फिलहाल रोक दिया जाए.