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नहीं चाहिए जाति का टैग, लेकिन बने रहेंगे हिन्दू, Casteless Hindu प्रमाण पत्र के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस व्यक्ति ने कहा है कि देश में कई लोग हैं जो अपनी जातीय पहचान पर गर्व नहीं करते हैं. ऐसे लोगों को देश की सरकारें जातिविहीन हिन्दू होने का प्रमाण पत्र दे.

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जातिविहीन हिन्दू प्रमाण पत्र जारी करने की मांग
जातिविहीन हिन्दू प्रमाण पत्र जारी करने की मांग
स्टोरी हाइलाइट्स
  • OBC शख्स ने सुप्रीम कोर्ट में दी याचिका
  • जातीय पहचान से अलग प्रमाण पत्र की मांग

देश में चल रहे जाति जनगणना की बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट में एक व्यक्ति ने एक अहम याचिका लगाई है. इस शख्स ने अदालत से मांग की है कि उसे जातिविहीन हिन्दू (Casteless Hindu) का प्रमाण पत्र दिया जाए. ऐसा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अदालत सरकारों को दिशा निर्देश जारी करे. पेश से डॉक्टर इस शख्स ने अदालत से प्रार्थना की है कि वह अपनी जातीय पहचान का प्रदर्शन नहीं करना चाहता है. इस व्यक्ति ने कहा है कि उसके जैसे ही कई लोग हैं जो जाति के पायदान में विश्वास नहीं रखते हैं. उसने मांग की है कि कोर्ट सरकार को निर्देश दे कि वो ऐसे लोग को जातिविहीन हिन्दू का प्रमाण पत्र जारी करे.

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इस व्यक्ति ने कोर्ट से मांग की है कि वो राज्य और केंद्र सरकारों को एक ऐसा तरीका विकसित करने को कहे, जिससे कि उसके ही जैसे कई लोग जो जाति व्यवस्था में यकीन नहीं रखते हैं, ऐसे लोगों को सरकार वैसे हिन्दू के रूप में मान्यता दे जिनकी कोई जाति नहीं है. 

दीपक दन्यान्श्वर हलवार नाम के इस शख्स के केस की पैरवी वकील सोफिया भामरी और अनिल चड्ढा नाम के वकील कर रहे हैं. इन वकीलों ने कहा कि सरकार वैसे लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है जो अपनी जाति को तिलांजलि तो देना चाहते हैं लेकिन हिन्दू के रूप में अपनी पहचान कायम रखना चाहते हैं. 

वकीलों ने कहा कि ऐसी नीति से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा और ये ऐसे लोगों के लिए उत्साह बढ़ाने का काम करेगा जो अपनी जाति को तो छोड़ना चाहते हैं लेकिन धार्मिक पहचान को बरकरार रखना चाहते हैं. याचिकाकर्ता का संबंध अत्यंत पिछड़ी जाति से है. उसका कहना कि वो जाति के बंधन को तोड़ना चाहता है और दूसरे लोगों के लिए मिसाल कायम करना चाहता है. 

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इस व्यक्ति का कहना है कि वो एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति है और पेशे से डॉक्टर है और उसे अपना व्यक्तित्व बताने के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है.  व्यक्ति ने कहा कि एक ऐसा नियम होना चाहिए कि वो अपने आप को जाति से परे घोषित कर सके इसके बावजूद हिन्दू रह सके.  

 

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