मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई को सुनवाई होगी. कांग्रेस नेता ने इस मामले में गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने SC से सजा और दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की है.
बता दें कि इस महीने के पहले हफ्ते में हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया था. इसके साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद राहुल ने गुजरात HC में याचिका लगाकर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
याचिका खारिज होने पर राहुल ने गुजरात हाईकोर्ट के दोष पर रोक लगाने से इनकार करने वाले फैसले के खिलाफ केस किया है. सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिया था, साथ ही दो साल की सजा भी सुनाई थी. निचली अदालत ने राहुल को जमानत तो दे दी थी, लेकिन दोषी करार दिए जाने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
दोष सिद्धि पर रोक ना लगने की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. इस मामले में राहुल गांधी से पहले ही शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था. पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बिना उनका पक्ष को सुने कोर्ट कोई आदेश पारित ना करे.
किस मामले में राहुल को मिली थी सजा?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?