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मोरबी ब्रिज हादसा: ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे के मामले में ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयसुख पटेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. जयसुख पटेल की कंपनी पर ही मोरबी पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी थी. बीते 31 जनवरी को उनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. इसके बाद पटेल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था.

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मोरबी ब्रिज हादसा. (File Photo)
मोरबी ब्रिज हादसा. (File Photo)

गुजरात के मोरबी शहर की एक अदालत ने बुधवार को ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयसुख पटेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. बता दें कि पटेल की कंपनी मोरबी पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार थी. 31 जनवरी को पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. इसके बाद पटेल ने अदालत के सामने सरेंडर कर दिया. पटेल को बाद में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था.

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मोरबी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एम जे खान ने एक फरवरी को ओरेवा ग्रुप के एमडी जयसुख पटेल को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. पटेल की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद बुधवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. मजिस्ट्रेट खान ने पटेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. चूंकि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आगे की रिमांड नहीं मांगी. 

यह घटनाक्रम यहां की एक सत्र अदालत द्वारा पुल ढहने के मामले में पिछले साल गिरफ्तार किए गए 7 अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज किए जाने के कुछ दिनों बाद आया है. मोरबी की घटना के सिलसिले में पुलिस ने अब तक पटेल समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.

पिछले साल हुए पुल हादसे में चली गई थी 135 लोगों की जान

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पटेल के अलावा मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में ओरेवा ग्रुप यूनिट के दो प्रबंधक, दो टिकट बुकिंग क्लर्क, तीन सुरक्षा गार्ड और दो उप-ठेकेदार शामिल हैं, जिन्हें ओरेवा समूह ने पुल की मरम्मत का काम सौंपा था. बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में यहां झूला पुल टूट गया था. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. 

मोरबी सत्र अदालत ने सात व्यक्तियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था. दो उप-ठेकेदार प्रकाश परमार और देवांग प्रकाश परमार ने सोमवार को राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. गुरुवार को कोर्ट इन पर फैसला सुना सकती है. पटेल सहित सभी 10 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 336 व 337, 338 के तहत केस दर्ज किया गया है.

जांच के दौरान एसआईटी को मिली थीं कई खामियां

अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के सस्पेंशन ब्रिज के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो पिछले साल 30 अक्टूबर को ढह गया था.

एसआईटी ने पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाई थीं. जांच से पता चला कि एक निश्चित समय पर पुल तक पहुंचने वाले व्यक्तियों की संख्या पर कोई रोक नहीं थी. टिकटों की बिक्री पर कोई रोक नहीं थी.

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(एजेंसी)

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