मोरबी हादसे में ओरेवा कंपनी के मालिक जयसुख पटेल ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. कल कोर्ट जयसुख की अग्रिम जमानत पर फैसला सुनाने जा रहा था, लेकिन उससे पहले जयसुख ने खुद ही सरेंडर कर दिया. अब ये सरेंडर भी तब किया गया है जब पुलिस चार्जशीट में जयसुख पटेल को मुख्य आरोपी माना गया है.
चार्जशीट में बताया गया है कि मोरबी पुल की जो 49 केबल थीं, वहां 29 ऐसी रहीं जिन पर जंग लग चुकी थी. आरोप ये भी लगा है कि ओरेवा के मालिक ने लापरवाही बरतते हुए कोई स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट भी नहीं लिया था. इसके अलावा समय से पहले 6 महीने के भीतर ही पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया गया, जबकि सामान्य रूप से सभी चेकिंग करने में 8 से 12 महीने का समय चला जाता है. चार्जशीट तो ये भी बता रही है कि जब हादसे के बाद राहत कार्य चल रहा था, तब ओरेवा कंपनी द्वारा कोई सहयोग नहीं दिया गया.
इस मामले की बात करें तो गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूट गया था. हादसे के वक्त इस पर 300-400 लोग मौजूद थे. सभी लोग नदी में गिर गए थे. हालांकि, इनमें से कुछ की जान बचा ली गई थी. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हुई थी. चौंकाने वाली बात ये है कि ब्रिज हादसे से 5 दिन पहले ही 7 महीने की मरम्मत के बाद खोला गया था. साथ ही ब्रिज खोलने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं लिया गया था. इन्हीं सब लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हो गया था. बाद में ओरेवा कंपनी को लेकर भी कई तरह के खुलासे हुए थे. जयसुख पटेल को लेकर भी कई दावे हुए. जांच आगे बढ़ी तो सबूत भी मिलते चले गए, इसी वजह से अब जयसुख ने खुद ही सरेंड कर दिया है.