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बैचलर पार्टी में की दोस्त की चाकू मारकर हत्या, आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली जमानत

बैचलर पार्टी के दौरान अपने दोस्त की हत्या करने वाले एक शख्स को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है. मामला 2022 का है जब आरोपी ने अपने दोस्तों के बैचलर पार्टी का आयोजन किया और इसी दौरान मृतक से उसकी बहस हो गई.

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दोस्त की हत्या करने वाले शख्स को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत
दोस्त की हत्या करने वाले शख्स को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत

बॉम्बे हाई कोर्ट ने उस 23 वर्षीय शख्स को जमानत दे दी है,जो बैचलर पार्टी के दौरान अपने दोस्तों के साथ नशे में धुत्त हो गया था. बाद में उसने तीखी बहस के बाद अपने दोस्त को चाकू मार दिया था. घटना 7 अप्रैल, 2022 को हुई थी जब आरोपी अर्जुन यादव ने अपने दोस्तों के आग्रह पर उनके लिए एक बैचलर पार्टी रखी थी क्योंकि उसकी शादी तय हुई थी.

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बैचलर पार्टी में हुई बहस

यह एक Wet पार्टी थी और नशा चढ़ने के बाद जमकर गाली-गलौच हुई. इसी दौरान मृतक दोस्त ने कथित तौर पर कुछ आपत्तिजनक शब्द कहे तो अर्जुन यादव गुस्सा हो गया. अन्य दोस्तों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन तभी यादव अचानक चाकू ले आया और मृतक के सीने में चाकू से वार कर दिया. इसके बाद चाकन पुलिस स्टेशन में 8 अप्रैल, 2022 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई थी. जांच से पता चला कि मृतक की मौत "दिल में लगी चोट के कारण रक्तस्रावी सदमे" के कारण हुई थी.

वकीलों ने दी दलील

यादव की ओर से पेश वकील सना रईस खान ने स्वीकार किया कि उनके मुवक्किल ने हत्या की है. उन्होंने कहा कि यह गंभीर और अचानक उकसावे का मामला है क्योंकि यह कोई पूर्व नियोजित हत्या नहीं थी. खान ने बताया, 'दोस्त एक पार्टी में एक साथ बैठे थे और शराब पीने के बाद बहस हुई तो गालियां दी गई. यादव पर आरोप है कि उसने अपने दोस्त को चाकू मार दिया जो "हत्या" की परिभाषा में नहीं आएगा, लेकिन भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग II के तहत आएगा...धारा 304 में अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान है जबकि यादव को दो साल तक जेल में बंद रखा गया.'

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जस्टिस च्वहाण ने दिया फैसला

अतिरिक्त लोक अभियोजक एए पालकर ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए माना कि यादव का मृतक को मारने का कोई इरादा नहीं था. जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण ने मौके पर मौजूद यादव के अन्य दोस्तों के बयानों पर गौर किया और कहा कि यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है. जस्टिस चव्हाण ने कहा,   "मामले के गुण-दोषों के बिना, प्रथम दृष्टया, यह गैर इरादतन हत्या का मामला प्रतीत होता है और यादव की कम उम्र के साथ-साथ यह तथ्य कि उनकी बदनामी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है ...सलाखों के पीछे उनकी पूर्व-परीक्षण हिरासत को जारी रखने का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.'

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