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पाटीदार आंदोलन: हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, सजा पर लगी रोक, लड़ सकेंगे चुनाव

पाटीदार आंदोलन से चर्चा में आए गुजरात कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने पटेल की सजा पर रोक लगा दी है. उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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हार्दिक पटेल (File Photo)
हार्दिक पटेल (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे हार्दिक
  • हार्दिक के वकील ने कहा- चुनाव लड़ने से रोकना मौलिक अधिकारों का हनन

गुजरात में पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा करे मामले में आरोपी कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. मंगलवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सजा के खिलाफ लगी हार्दिक की याचिका पर फैसला आने तक सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है. 

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बता दें कि पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में हार्दिक पटेल गुजरात हाई कोर्ट ने दोषी माना था और भारतीय कानून के मुताबिक कोई भी दोषी व्यक्ति तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक उसके दोषी साबित होने पर रोक ना लग जाए. इसके बाद हार्दिक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और 2019 के लोकसभा चुनावों का हवाला देकर जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और हार्दिक लोगसभा चुनाव नहीं लड़ पाए थे.

हार्दिक पटेल अब गुजरात में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में उतरना चाहते हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिली है. हार्दिक के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि सजा के नाम पर चुनाव लड़ने से रोकना मौलिक अधिकारों का हनन है. वे 2019 में एक बार चुनाव लड़ने का मौका गवां चुके हैं. हार्दिक पटेल के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल कोई गंभीर किस्म के हत्यारे नहीं हैं, पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया है.

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फैसले के बाद आया हार्दिक का रिएक्शन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हार्दिक पटेल का रिएक्शन भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ चुनाव लड़ना ही उनका मकसद नही है, बल्कि वे गुजरात के लोगों की सेवा मजबूती के साथ करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि 3 साल पहले एक झूठे मुकदमे में दो साल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की सजा पर रोक लगा दी है. उन्होंने कोर्ट का धन्यवाद कहा है.

2015 में हुई थी आंदोलन की शुरुआत

हार्दिक पटेल ने आंदोलन की शुरुआत 2015 में की थी. उसके बाद 2017 के चुनाव में हार्दिक किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं जुड़े, लेकिन उसका झुकाव कांग्रेस की तरफ साफ देखा गया. यहीं वजह थी कि गुजरात में 1998 से कभी 60 का आंकडा पार ना करने वाली कांग्रेस 78 सीट जीती थी. इसके बाद से चर्चा होने लगी कि हार्दिक पटेल कांग्रेस से जुड़ सकते हैं.

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