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सेनारी नरसंहार में पटना हाईकोर्ट ने 13 लोगों को किया बरी, 34 लोगों की हुई थी निर्मम हत्या

जहानाबाद के सेनारी में 18 मार्च 1999 को हुए नरसंहार में 34 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. निचली अदालत ने 2016 में 10 दोषियों को फांसी और 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसपर आज पटना हाईकोर्ट का फैसला आया. 

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पटना हाइकोर्ट
पटना हाइकोर्ट
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पटना हाई कोर्ट ने सेनारी नरसंहार के 13 दोषियों को किया बरी
  • तुरंत रिहा करने का आदेश
  • हाईकोर्ट ने पलटा निचली अदालत का फैसला

पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए बहुचर्चित सेनारी हत्याकांड के 13 दोषियों को बरी कर दिया. अश्विनी कुमार सिंह और अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने शुक्रवार को दोषियों को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया. सेनारी हत्याकांड 1999 में हुआ था, जिसमें 34 लोगों की हत्या हुई थी.

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बता दें कि जहानाबाद के सेनारी में 18 मार्च 1999 को हुए नरसंहार में 34 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. निचली अदालत ने 2016 में 10 दोषियों को फांसी और 3 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसपर आज पटना हाईकोर्ट का फैसला आया, जिसमें 13 दोषियों को बरी कर दिया गया.

निचली अदालत के फैसले की पुष्टि के लिए बिहार सरकार द्वारा पटना हाईकोर्ट में डेथ रेफरेंस दायर किया गया. साथ ही दोषियों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी. जहां कोर्ट ने आज 13 दोषियों को बरी करने का फैसला सुनाया है. 

गौरतलब है कि 2016 में निचली अदालत पहले ही 20 आरोपियों को बरी कर चुकी थी. वहीं इस केस के कुल 70 आरोपियों में से 4 की मौत हो चुकी है. जिसके बाद अब शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट ने सेनारी नरसंहार के 13 दोषियों को बरी करने का आदेश देते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने को कहा. 

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आपको बता दें कि 1999 की रात बिहार के जहानाबाद में सेनारी गांव में 34 लोगों को बांधकर उनका गला रेत दिया गया था. सेनारी गांव की घेराबंदी कर लोगों को घर से निकालकर मारा गया था. उनके हाथ-पैर बांधकर और गला रेतकर हत्या कर दी गई थी.

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